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79078445

आय - निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण तथा अन्य संबंधित मामले

आरबीआइ /2008 - 09/498
ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं.113/07.37.02/2008-09

16 जून 2009

सभी राज्य सहकारी बैंक तथा
मध्यवर्ती सहकारी बैंक

महोदय,

आय - निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण
तथा अन्य संबंधित मामले

राज्य सहकारी बैंकों / मध्यवर्ती सहकारी बैंकों द्वारा आगे उधार देने हेतु क्रमश: मध्यवर्ती सहकारी बैंकों / प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को अल्पावधि कृषि अग्रिम तथा अन्य प्रयोजनों के लिए भी अग्रिम प्रदान किए जाते हैं। दिनांक 22 जून 1996 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं.बीसी.155/07.37.02/95-96 के अनुबंध के पैराग्राफ 2 में निहित वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, आगे उधार देने की प्रणाली के अंतर्गत प्रदान किए गए ऐसें सभी अग्रिम सुविधाओं में से केवल उस अग्रिम सुविधा, जो अनियमित हो जाती है, को अनर्जक आस्ति (एनपीए) माना जाता है ं।

2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के अतिरिक्त सभी अन्य समितियों को आगे उधार देने की प्रणाली के अंतर्गत उपर्युक्त रियायत प्रदान की जाए। तथापि, उधारकर्ता को प्रदान किए गए सभी प्रत्यक्ष ऋण और अग्रिम के धसंबंध में, एक ऋण खाता अनर्जक आस्ति (एनपीए) हो जाने पर, अब तक के ऐसे सभी ऋण अनर्जक आस्ति (एनपीए) हो जाएंगे।

3. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय

( बी.पी.विजयेंद्र )
मुख्य महाप्रबंधक

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