राष्ट्रीय दूरसंचार नीति, 2012 - इंटरनेट प्रोटोकॉल आइपीवी4 को वर्तमान वर्शन से आइपीवी6 में अंतरित (माइग्रेट) करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रीय दूरसंचार नीति, 2012 - इंटरनेट प्रोटोकॉल आइपीवी4 को वर्तमान वर्शन से आइपीवी6 में अंतरित (माइग्रेट) करना
आरबीआय/2012-13/306 नवंबर 23, 2012 महोदय राष्ट्रीय दूरसंचार नीति, 2012 - इंटरनेट प्रोटोकॉल आइपीवी4 जैसा कि आप जानते है सरकार ने हाल ही में उद्घाटित राष्ट्रीय टेलीकॉम नीति (एनटीपी) – 2012 में " मांग पर ब्रॉड - बैण्ड " वर्ष 2015 तक उपलब्ध कराने की परिकल्पना की है जिसमें किसी देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए मुख्य स्रोत के रूप में इंटरनेट की भूमिका पर बल दिया गया है और जो आज की सूचना अर्थव्यवस्था में नागरिक केंद्रित विभिन्न सेवाओं का एक प्रभावी माध्यम है। चूंकि इंटरनेट प्रोटोकॉल (आइपीवी4) का वर्तमान वर्जन प्रयुक्त किए जाने के लिए लगभग अयोग्य हो गया है अतः, ब्राड - बैण्ड की क्रांति निश्चित रूप से भावी इंटरनेट प्रोटोकॉल (आइपीवी6) पर हावी होगी। एनटीपी-2012 में आइपीवी6 की अत्याधुनिक भूमिका को स्वीकार किया गया है और उसमें देश में आइपीवी6 में काफ़ी मात्रा में अवस्थांतरित होने का उद्देश्य रखा गया है। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत टेलीकॉम विभाग, भारत सरकार ने आइपीवी4 से आइपीवी6 में अंतरित होने की पहल शुरू कर दी है। चूंकि आइपीवी6 में अवस्थांतरित होना एक ऐसी संभाव्यता है, जिसे स्वीकार करना होगा तथा काफ़ी सक्रियता से प्रबंधित करना होगा, सरकार चाहती है कि इसे समय से अलग चलने की बजाए योजनाबद्ध तरीके से किया जाए। उन्होंने इच्छा व्यक्त की है कि सभी भुगतान गेटवे, बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, बीमा कंपनियों आदि में उनकी वेबसाइटों सहित उक्त अवस्थांतर का कार्य दिसंबर 2012 तक पूरा किया जाना चाहिए। आप उक्त अवस्थांतर के कार्य को निर्दिष्ट समयावधि के भीतर पूरा करने के लिए एक विशेष दल गठित करते हुए आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ कर दें। यदि आपको आइपीवी6 के कार्यान्वयन के संबंध में कोई स्पष्टीकरण / सहायता की जरुरत हो तो आप कृपया श्री आर.एम.अग्रवाल, डीडीजी (एनटी), प्रौधौगिकी विभाग (मोबाइल नं. 9868133440) से संपर्क करें जो सभी स्टेकधारियों को संगत समर्थन प्रदान करनेवाले दल के प्रमुख हैं। भवदीय (आय. एस. नेगी) |