धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरुप तथा मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव, सूचना प्रस्तुत करने की समयसीमा तथा उसके रखरखाव की क्रियाविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं तथा मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन तथा रखरखाव) संशोधन नियमावली, 2010 - बैंकों/अखिल भारतीय वि - आरबीआई - Reserve Bank of India
धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरुप तथा मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव, सूचना प्रस्तुत करने की समयसीमा तथा उसके रखरखाव की क्रियाविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं तथा मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन तथा रखरखाव) संशोधन नियमावली, 2010 - बैंकों/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं के दायित्व
आरबीआइ/2009-10/468 14 मई 2010 अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरुप तथा मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव, सूचना प्रस्तुत करने की समयसीमा तथा उसके रखरखाव की क्रियाविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं तथा मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन तथा रखरखाव) संशोधन नियमावली, 2010 - बैंकों/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं के दायित्व भारत सरकार ने 12 फरवरी 2010 की अपनी अधिसूचना सं 7/2010/ई.एस.एफ सं.6/8/2009-ईएस द्वारा धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरुप और मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव, सूचना प्रस्तुत करने की समय सीमा और उसके रखरखाव की क्रियाविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं तथा मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियमावली, 2005 में संशोधन किया है। उक्त अधिसूचना की प्रतिलिपि त्वरित संदर्भ के लिए संलग्न है। 2. संशोधन की मुख्य विशेषताओं में अन्य बातों के साथ राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंकों से यह अपेक्षा की गयी है कि वे
3. इसके अलावा, उप-नियम (1क) के नियम 9 में "लाभार्थी स्वामी" की व्याख्या शामिल की गयी है, जिसके अनुसार " ’लाभार्थी स्वामी’ वह प्रकृत व्यक्ति है जो उस ग्राहक या व्यक्ति का अंतिम नियंत्रक है जिसकी ओर से कोई लेनदेन किया जा रहा है तथा इसके अंतर्गत वह व्यक्ति आता है जो किसी विधिक व्यक्ति के ऊपर अंतिम प्रभावी नियंत्रण रखता है ।" 4. राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पीएमएलए नियमावली के उक्त संशोधित प्रावधानों का कड़ाई से अनुसरण करें तथा इन नियमों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें। भवदीय, (आर. सी. षडंगी) अनुलग्नक: यथोक्त |