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वित्‍तीय आस्‍तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत केंद्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक रजिस्‍ट्री की स्‍थापना

आरबीआई/2010-11/546
ग्राआऋवि.केका.आरसीबी.बीसी.सं.73/07.38.03/2010-11

26 मई 2011

अध्‍यक्ष

सभी राज्‍य सहकारी और केंद्रीय सहकारी बैंक

महोदय

वित्‍तीय आस्‍तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन
अधिनियम, 2002 के अंतर्गत केंद्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक रजिस्‍ट्री की स्‍थापना

वर्ष 2011-12 के बज़ट भाषण में माननीय वित्‍त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसरण में वित्‍त मंत्रालय ने केंद्रीय रजिस्‍ट्री की स्‍थापना की सूचना दी है । केंद्रीय रजिस्‍ट्री की स्‍थापना का उद्देश्‍य एक ही अचल संपत्‍ति पर विभिन्‍न बैंकों से बहुल उधारों वाले ऋण मामलों में धोखाधड़ी रोकना है। यह रजिस्‍ट्री 31 मार्च 2011 से चालू हो गई है । कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्‍त सरकारी कंपनी - भारतीय प्रतिभूतिकरण, आस्‍ति पुनर्गठन और प्रतिभूति हित केंद्रीय रजिस्‍ट्री (सीईआरएसएआई) का निगमन, वित्‍तीय आस्‍तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (सरफेसी एक्‍ट) के उपबंधों के अंतर्गत केंद्रीय रजिस्‍ट्री के परिचालन और उसके रख-रखाव के लिए किया गया  है ।

2. यह नोट किया जाए कि प्रारंभ में, सरफेसी अधिनियम में यथा परिभाषित वित्‍तीय आस्‍तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन से संबंधित लेन-देनों का और बैंकों तथा वित्‍तीय संस्‍थाओं द्वारा प्रदत्‍त किसी ऋण या अग्रिम की जमानत हेतु हक विलेख जमा कर के बंधक रखने (मॉर्टगेज) से संबंधित लेन-देनों का केंद्रीय रजिस्‍ट्री में पंजीकरण किया जाना है । केंद्रीय रजिस्‍ट्री द्वारा रखे जाने वाले अभिलेख किसी उधारदाता द्वारा या किसी अन्‍य व्‍यक्‍ति द्वारा, जो उक्‍त संपत्‍ति में व्‍यवहार का इच्‍छुक हो, छानबीन के लिए उपलब्‍ध होंगे । ऐसे अभिलेखों के उपलब्‍ध होने से एक ही संपत्‍ति पर बहुल ऋणों से संबंधित धोखाधडि़यॉं और ऐसी संपत्‍ति पर जमानती हित को प्रकट किए बिना धोखे से उसके विक्रय की घटनाएं रुक सकेंगी । कृपया यह नोट किया जाए कि सरफेसी अधिनियम की धारा 23 के उपबंधों के अंतर्गत संपत्‍ति पर जमानती हित सृजित करने के किसी प्रभार का ब्‍योरा, उक्‍त प्रभार सृजित होने की तारीख से 30 दिनों के अंतर्गत उक्‍त केंद्रीय रजिस्‍ट्री में दर्ज किए जाने की अपेक्षा है ।

3. वित्‍तीय आस्‍तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन और प्रतिभूति हित प्रवर्तन (केंद्रीय रजिस्‍ट्री) नियमावली, 2011 की एक प्रति, इस संबंध में सरकार द्वारा जारी की गई 31 मार्च 2011 की अधिसूचना की एक प्रति के साथ आपकी ओर से आवश्‍यक कार्रवाई के लिए इसके साथ संलग्‍न है ।

4. कृपया इस परिपत्र की पावती हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें ।

भवदीय

(सी. डी. श्रीनिवासन)
मुख्‍य महाप्रबंधक

अनुलग्‍नक : यथोक्‍त

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