भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/174
ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 34/07.02.01/2007-08
30 अक्तूबर 2007
सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक
महोदय
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 1 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/108 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 15/07.02.01/2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10 नवंबर 2007 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 50 आधार बिंदुओं से बढ़ाकर उनकी मांग और मीयादी देयताओं के 7.50 प्रतिशत किया जाए ।
2. इससे संबंधित 30 अक्तूबर 2007 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 33/07.02.01/2007-08 की प्रतिलिपि संलग्न है।
कृपया प्राप्ति-सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें ।
भवदीय,
(के. भट्टाचार्य)
महा प्रबंधक
ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 33/07.02.01/2007-08
30 अक्तूबर 2007
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 1 अगस्त 2007 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 14/07.02.01/2007-08 के आंशिक आशोधन में , भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को चाहिए कि वह 10 नवंबर 2007 को प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अपनी मांग और मीयादी देयताओं के 7.50 प्रतिशत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखे।
(वी.एस.दास)
कार्यपालक निदेशक
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