भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखना
भारिबैं/2005-06/424
ग्राआऋवि.आरएफ. सं. बीसी. 93 /07.02.01/2005-06
22 जून 2006
सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक तथा
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखना
कृपया 11 सितंबर 2004 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी. सं. 32/07.02.05/2004-05 देखें ।
2. भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) विधेयक , 2006 अधिनियमित किया गया है और राजपत्र में उसकी अधिसूचना के साथ वह 22 जून 2006 से लागू हो गया है । भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) में संशोधन के परिणामस्वरूप, रिज़र्व बैंक देश में मौद्रिक स्थिरता बनाये रखने की ज़रूरत को देखते हुए अनुसूचित बैंकों के लिए किसी न्यूनतम दर या उच्चतम दर के बिना प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) निर्धारित कर सकता है । कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत की सांविधिक न्यूनतम प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की अपेक्षा 22 जून 2006 से विद्यमान नहीं है । भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय किया गया है कि अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों /क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा रखे जानेवाले प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की दर और मौजूदा छूट की यथस्थिति जारी रखी जाए जो आगे परिवर्तन सूचित किये जाने तक लागू रहेंगी । तदनुसार, अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 22 जून 2006 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी. 94/07.02.01/2005-06 में
उल्लिखित छूटों के अधीन अपनी मांग और मीयादी देयताओं के 5 प्रतिशत का प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखना जारी रखेंगे ।
3. साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में किये गये संशोधनों के भाग के रूप में उक्त अधिनियम की धारा 42 की उप-धारा (1ख) हटा दी गयी है । तदनुसार, रिज़र्व बैंक 24 जून 2006 से शुरू होनेवाले पखवाड़े से अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा बनाये रखे जानेवाले प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की शेष रशि पर कोई ब्याज अदा नहीं करेगा ।
4. 22 जून 2006 की संबंधित अधिसूचना ग्राआऋवि.आरएफ. सं. 6106/ 07.02.01/2005-06 की प्रति संलग्न है ।
5. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीय
(के.भट्टाचार्य)
महाप्रबंधक
ग्राआऋवि.आरएफ. सं. 6106 /07.02.01/2005-06
22 जून 2006
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 42 की उप-धारा (1) में किये गये संशोधन के परिणामस्वरूप अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के संबंध में कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत की सांविधिक न्यूनतम प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात की अपेक्षा 22 जून 2006 से विद्यमान नहीं है । साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की संशोधित उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और देश में मौद्रिक स्थिरता बनाये रखने की ज़रूरत को देखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा यह अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को 22 जून 2006 की अधिसूचना सं. ग्राआऋवि. आरएफ.सं. 6107/ 07.02.01/ 2005-06 में परिकल्पित छूट के अधीन अपनी कुल मांग और मीयादी देयताओं के 5 प्रतिशत का प्रारक्षित नकदी निधि अनुपात जारी रखना चहिए । यह 11 सितंबर 2004 की अधिसूचना ग्राआऋवि. सं. 172/07.02.05/2004-05 के आंशिक आशोधन में किया गया है ।
(वी.एस.दास)
कार्यपालक निदेशक