समेकित फॉर्म ए-1/ए-2 का प्रस्तुतीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
समेकित फॉर्म ए-1/ए-2 का प्रस्तुतीकरण
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.23 24 सितंबर 2003 सेवा में महोदय/ महोदया समेकित फॉर्म ए-1/ए-2 का प्रस्तुतीकरण वर्तमान अनुदेशों के अनुसार निवासियों द्वारा आयातों के लिए 500 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक विप्रेषण भेजते समय फॉर्म ए-1 में तथा अन्य विप्रेषण भेजते समय फॉर्म ए-2 में आवेदन करना अपेक्षित है। 2. प्रक्रिया को सरल तथा अधिक कारगर बनाने और भुगतान लेन-देन से जुड़ी लिखा-पढ़ी को कम करने को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि सॉफ्टवेयर निर्यातकों तथा लगातार विप्रेषण भेजने वाली अन्य कंपनियों को उन कारोबारों , जिनके लिए विप्रेषण भेजे जा रहे हैं , के पूरे ब्यौरे देते हुए समेकित फॉर्म ए-1/फॉर्म ए-2 जमा करने की अनुमति प्रदान की जाए। प्राधिकृत व्यापारी, अपने घटकों से पाक्षिक आधार पर ये समेकित फॉर्म ए-1/फॉर्म ए-2 स्वीकार कर सकते हैं और इसकी आवधिकता आर-विवरणी की आवधिकता एक ही होगी। प्राधिकृत व्यापारी तद्नुसार अपने घटकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ऑन-लाइन अथवा फ्लॉपी में प्रेषित फाइल फॉर्मेट में समेकित फॉर्म ए-1/फॉर्म ए-2 जमा करने के विकल्प की अनुमति प्रदान करें। 3. तथापि, प्राधिकृत व्यापारी यह सुनिश्चित करें कि अपने घटकों को यह सुविधा उपलब्ध करवाते समय ईएफटी ईआरएस का प्रस्तुतीकरण प्रभावित न होने पाए। 4.प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों को अवगत कराएं । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुदा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन जारी किए गए हैं। भवदीया (ग्रेस कोशी ) |