ऋण सूचना ब्यूरो (सी आइ बी) को ऋण सूचना प्रस्तुत करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण सूचना ब्यूरो (सी आइ बी) को ऋण सूचना प्रस्तुत करना
ऋण सूचना ब्यूरो (सी आइ बी) को ऋण सूचना प्रस्तुत करना
बैंपविवि. सं. डीएल.बीसी. 111 /20.16.001/2001-02
4 जून 2002
14 ज्येष्ठ 1924 (शक)
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी
समस्त वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को और
स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर)
अधिसूचित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं, अर्थात्
आइडीबीआइ, आइएफसीआइ, इक्ज़िम बैंक, एनएचबी,
यूटीआई, एलआइसी, सिडबी और जीआइसी के अध्यक्ष
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक, राज्य वित्तीय निगम
प्रिय महोदय,
ऋण सूचना ब्यूरो (सी आइ बी) को ऋण सूचना प्रस्तुत करना
जैसा कि आपको मालूम है, वर्ष 2000-01 के बजट प्रस्तावों में वित्त मंत्री जी की घोषणा के अनुसरण में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के बीच सूचना के आदान-प्रदान और अनर्जक आस्तियों की वृद्धि को नियंत्रण करने के लिए एक कारगर तंत्र के रूप में कार्य करने के लिए जनवरी 2001 में क्रेडिट इंफरमेशन ब्यूरो (इंडिया) लि. (सी आइ बी आइ एल) की स्थापना की गयी है । भारत सरकार भी एक प्रारूप विधान की जांच कर रही है जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, सी आइ बी के उत्तरदायित्व, सदस्य / सूचनादायी ऋण संस्थाओं के अधिकार और दायित्व तथा अधिकारों की गोपनीयता की सुरक्षा भी शामिल है, जो सी आइ बी द्वारा सूचना के आदान-प्रदान के दौरान उत्पन्न हो सकती है । सी आइ बी विनियमन बिल को अधिनियमित किये जाने तक ब्यूरो को क्रियाशील बनाने की दिशा में पहले कदम के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2001 में एक कार्यदल का गठन किया था जिसका कार्य मुकदमा दायर खातों के बारे में दी जा रही सूचना तथा चूककर्ताओं की सूची संकलित करने तथा सूचना प्रचारित करने का कार्य निष्पादित करने वाले की सी आइ बी द्वारा भूमिका निभाने की संभावनाओं की जांच करना है । वर्तमान में बैंकों और अधिसूचित वित्तीय संस्थाओं द्वारा रिज़र्व बैंक को सूचना दी जाती है । इस कार्यदल ने जनवरी 2002 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की । इस दल की रिपोर्ट जनता की सूचना तथा अभिमत के लिए आर बी आर वेबसाइट पर उपलब्ध करायी गयी है । भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब यह निर्णय किया है कि मौजूदा कानूनी दायरे के अंतर्गत आनेवाली इस कार्यदल की कतिपय सिफारिशों को निम्नानुसार कार्यान्वित किया जाए ।
2. 31 मार्च 2002 की स्थिति के अनुसार बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को 1 करोड़ रुपये और अधिक के मुकदमा दायर किये गये खातों और उनके संबंध में अद्यतन स्थिति तिमाही आधार पर तथा 25 लाख रुपये तथा उससे अधिक के जानबूझकर चूक करनवालों के मुकदमा दायर किये गये खातों की मार्च,े जून, सितंबर और दिसंबर 2002 की सूची भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रेडिट इंफरमेशन ब्यूरो (इंडिया) लि. को एक वर्ष के लिए 31 मार्च 2003 तक भेजनी होगी । उसके बाद उक्त जानकारी क्रेडिट इंफरमेशन ब्यूरो (इंडिया) लि. को भेजनी होगी, भारतीय रिज़र्व बैंक को नहीं । क्रेडिट इंफरमेशन ब्यूरो (इंडिया) लि. का पता है :
अध्यक्ष
क्रेडिट इंफरमेशन ब्यूरो (इंडिया) लि.
एपीजे हाउस, दूसरी मंज़िल
3, दिनशॉ वच्छा रोड
चर्चगेट, मुंबई - 400 020
फोन : 2850032, 2043846 फैक्स सं. 2043756
3. तथापि, बैंकों और अधिसूचित वित्तीय संस्थाओं को सूचित किया गया है कि वे एक करोड़ रुपये और अधिक के मुकदमा दायर नहीं किये गये संदिग्ध अथवा हानि वाले खातों के संबंध में 31 मार्च और 30 सितंबर की स्थिति के अनुसार आंकड़े और जानबूझकर चूक करने वालों जिनके संबंध में मुकदमा दायर नहीं किया गया है, की त्रैमासिक सूची भी पहले की तरह केवल रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करना जारी रखें । इस विषय में प्रस्तुत किये जा रहे विवरणों की सूची तत्काल संदर्भ के लिए अनुबंध में दी गयी है ।
4. यह निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 क के अधीन जारी किया गया है ।
5. कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीय
(एम. आर. श्रीनिवासन )
मुख्य महा प्रबंधक
अनुबंध
1 अप्रैल 2000 के भारतीय रिज़र्व बैंक परिपत्र बीसी/
डीएल/161/20.16.002/99-2000 के अनुसार ऋण सूचना प्रस्तुत करना
सूचना का स्वरूप |
किसे प्रस्तुत करना है |
आवधिकता |
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I. |
मुकदमा दायर खाते |
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(क) |
1 करोड़ और अधिक के मुकदमा दायर खातों के ब्यौरे फ्लॉपी डिस्क पर |
i) भारतीय रिज़र्व बैंक |
वार्षिक - 31 मार्च 2002 की स्थितितिमाही अद्यतन (तिमाही के दौरान खातों की बढ़ोतरी / कमी) - जून, सितंबर और दिसंबर 2002 के अंत की स्थिति |
-वही- |
क्रेडिट इन्फर्मेशन ब्यूरो ऑफ (इंडिया)लि. |
वार्षिक - 31 मार्च 2003 और बाद की स्थिति30 जून 2003 को और बाद की तिमाही की अद्यतन स्थिति |
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(ख) |
25 लाख और अधिक के जानबूझकर चूक करनवालों के मुकदमा दायर खातों की सूची |
i) भारतीय रिज़र्व बैंक |
तिमाही - मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर 2002 की स्थिति |
-वही- |
सी आइ बी आइ एल |
तिमाही - मार्च 2003 और बाद के लिए |
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II. |
गैर- मुकदमा दायर खाते |
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(क) |
1 करोड़ और अधिक के गैर मुकदमा दायर संदिग्ध और हानिवाले खातों की सूची |
भारतीय रिज़र्व बैंक |
31 मार्च और 30 सितंबर की स्थिति |
(ख) |
25 लाख और अधिक के जानबूझकर चूक करनेवालों की सूची, मुकदमा दायर खातों को छोड़कर |
भारतीय रिज़र्व बैंक |
तिमाही - मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर के अंत की स्थिति |