ऋण आसूचना कंपनियों को ऋण आसूचना प्रस्तुत करना - 1 करोड़ रुपये तथा उससे अधिक राशि के चूककर्ता और 25 लाख रुपये तथा उससे अधिक राशि के इरादतन चूककर्ता - वाद दायर खातों से संबंधित ऋण आसूचनाओं का प्रसार - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण आसूचना कंपनियों को ऋण आसूचना प्रस्तुत करना - 1 करोड़ रुपये तथा उससे अधिक राशि के चूककर्ता और 25 लाख रुपये तथा उससे अधिक राशि के इरादतन चूककर्ता - वाद दायर खातों से संबंधित ऋण आसूचनाओं का प्रसार
आरबीआई/2011-12/165 5 सितंबर 2011 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, ऋण आसूचना कंपनियों को ऋण आसूचना प्रस्तुत करना - कृपया क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लि. (सिबिल) को ऋण सूचना प्रस्तुत करने के संबंध में 04 जून 2002 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीएल. बीसी. 111/20.16.001/2001-02 तथा ऋण संबंधी सूचना का प्रसार - सिबिल की भूमिका के संबंध में 17 जून 2004 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीएल. बीसी. 95/20.16.002/2003-04 देखें । 2. जैसा कि आप जानते हैं, अभी तक मे. एक्सपीरियन क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया प्रा. लि., मे. इक्विफैक्स क्रेडिट इंफार्मेशन सर्विसेज प्रा. लि. तथा मे. हाई मार्क क्रेडिट इंफार्मेशन सर्विसेज प्रा. लि. नामक 3 ऋण आसूचना कंपनियों (सीआईसी) को ऋण आसूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 के अंतर्गत ऋण आसूचना का व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं । 3. आपसे अनुरोध है कि आप संदिग्ध अथवा हानि के रूप में वर्गीकृत 1 करोड़ रुपये तथा उससे अधिक राशि के वाद दायर खातों की तिमाही सूची क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लि. को तथा/अथवा अन्य किसी ऋण आसूचना कंपनी को प्रस्तुत करें जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त हो गया है और आपका बैंक उसका सदस्य हो । 4. इरादतन चूककर्ताओं पर 01 जुलाई 2011 के हमारे मास्टर परिपत्र के पैरा 2.9 के अनुसार बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को पहले ही सूचित किया गया है कि वे 25 लाख रुपये तथा उससे अधिक राशि के इरादतन चूककर्ताओं के वाद दायर खातों की सूची प्रति वर्ष मार्च, जून, सितंबर तथा दिसंबर के अंत में क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लि. तथा/अथवा अन्य किसी ऋण आसूचना कंपनी को प्रस्तुत करें जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त हो गया है और आपका बैंक उसका सदस्य हो । 5. इसके अतिरिक्त, उपर्युक्त ऋण आसूचना कंपनियों को सूचित किया गया है कि वे इन वाद दायर खातों के संबंध में बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा दिए गए आंकड़ों को शामिल करते हुए ऋण आसूचना अपनी वेबसाइटों पर भी प्रसारित करें । भवदीय (पी. आर. रवि मोहन) |