साख सूचना कंपनियों को साख सूचना प्रस्तुत करना – ‘सहमति संबंधी शर्त’ का वापस लिया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
साख सूचना कंपनियों को साख सूचना प्रस्तुत करना – ‘सहमति संबंधी शर्त’ का वापस लिया जाना
आरबीआई/2013-14/112 1 जुलाई 2013 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/महोदया साख सूचना कंपनियों को साख सूचना प्रस्तुत करना – कृपया हमारा (i) दिनांक 21 अक्तूबर 1999 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. डीएल. 4/ 20.16.002/99-2000 (ii) दिनांक 1 अक्तूबर 2002 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीएल. बीसी. 29/20.16.002/2002-03 तथा साख सूचना रिपोर्ट करने एवं ऋण/उधार दस्तावेजों में सहमति संबंधी शर्त प्राप्त करने से संबंधित अन्य परिपत्र/अनुदेश देखें। 2. जैसा कि आप जानते हैं, साख सूचना कंपनियां (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसी अधिनियम) और उसके अंतर्गत बनाये गये नियम एवं विनियम 14 दिसंबर 2006 से लागू हो गए हैं। साख सूचना कंपनियां (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 17 में साख सूचना कंपनियों द्वारा (सदस्यों से) साख सूचना प्राप्त करने और (विनिर्दिष्ट प्रयोक्ताओं को) साख सूचना उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। सीआईसी अधिनियम, अधिनियम में बताई गई कुछ शर्तों के अधीन, ऋणदाता संस्थाओं द्वारा साख सूचना कंपनियों के साथ साख सूचना का आदान-प्रदान करने के लिए सांविधिक आधार प्रदान करता है। अतएव, सीआईसी अधिनियम लागू होने के साथ, ‘सहमति संबंधी शर्त’ अनावश्यक हो गई है और इसलिए यह सूचित किया जाता है कि बैंकों को उधारकर्ता की सहमति प्राप्त करने पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है, जैसा कि दिनांक 1 अक्तूबर 2002 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. डीएल. बीसी. 29/20.16.002/2002-03 के अनुबंध I और II में निर्धारित किया गया था। भवदीय (राजेश वर्मा) |