इंफोरमेशन यूटिलिटीज़ को वित्तीय सूचनाएं प्रस्तुत करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
इंफोरमेशन यूटिलिटीज़ को वित्तीय सूचनाएं प्रस्तुत करना
भारिबै/2017-18/110 19 दिसंबर 2017 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदय/महोदया, इंफोरमेशन यूटिलिटीज़ को वित्तीय सूचनाएं प्रस्तुत करना दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), 2016 की धारा 215 के अनुसार, वित्तीय ऋणदाता वित्तीय सूचना और ऐसी आस्तियों, जिनके संबंध में किसी प्रतिभूति हित का सृजन किया गया है, से संबंधित सूचना ऐसे प्रारूप में और तरीके से इंफोरमेशन यूटिलिटी (आईयू) को प्रस्तुत करेगा, जो विनियमों द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाएगा। भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (इंफोरमेशन यूटिलिटी), विनियमावली 2017 जो 1 अप्रैल 2017 से प्रभावी हुई, के अध्याय V में उस प्रारूप और तरीके को विनिर्दिष्ट किया गया है जिसमें वित्तीय ऋणदाता द्वारा उक्त सूचना इंफोरमेशन यूटिलिटी को प्रस्तुत की जानी है। इसके अलावा, आईबीसी 2016 की धारा 238 के अनुसार, वर्तमान में लागू किसी अन्य कानून, या ऐसे कानून के कारण प्रभावी किसी लिखत में इससे असंगत कुछ भी निहित होने के बावजूद इस संहिता के प्रावधान प्रभावी होंगे। 2. भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (इंफोरमेशन यूटिलिटी) विनियमावली, 2017 के अंतर्गत 25 सितंबर 2017 को नेशलन ई गवर्नेंस सर्विसेस लिमिटेड (एनईएसएल) को प्रथम इंफोरमेशन यूटिलिटी के रूप में पंजीकृत किया है। 3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी वित्तीय ऋणदाताओं को सूचित किया जाता है कि आईबीसी, 2016 और आईबीबीआई (आईयू) विनियमावली 2017 के संबंधित प्रावधानों का पालन करें तथा संहिता एवं विनियमावली के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उचित प्रणाली तैयार करें। भवदीय, (प्रकाश बलियार सिंह) |