बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 31 के तहत रिटर्न जमा करना - समय का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 31 के तहत रिटर्न जमा करना - समय का विस्तार
आरबीआई/2021-22/49 04 जून 2021 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 31 के तहत रिटर्न जमा करना - समय का विस्तार बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 ("अधिनियम") की धारा 56 के साथ पठित अधिनियम की धारा 31 के अनुसार, अधिनियम की धारा 29 में संदर्भित खातों और तुलन पत्रों को लेखापरीक्षक की रिपोर्ट के साथ निर्धारित तरीके से प्रकाशित किया जाएगा और उसकी तीन प्रतियां रिज़र्व बैंक को, जिस अवधि के लिए वे संदर्भित हैं, उस अवधि के अंत से तीन महीने के भीतर रिटर्न के रूप में प्रस्तुत की जाएंगी। बीआर अधिनियम की धारा 56 (टी) (ii) के साथ पठित धारा 31 के अनुसार, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों को भी इन विवरणों को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को रिटर्न के रूप में प्रस्तुत करना आवश्यक है। 2. चूंकि कई प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी), राज्य सहकारी बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंक चल रहे कोविड-19 महामारी के कारण अपने वार्षिक खातों को अंतिम रूप देने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, अत: यह विचार किया गया है कि उन्हें वर्तमान अवधि के दौरान उक्त विवरणी प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय देना आवश्यक है। 3. उक्त को ध्यान में रखते हुए, रिज़र्व बैंक एतदद्वारा 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए अधिनियम की धारा 31 के तहत रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए तीन महीने की उक्त अवधि को और तीन महीने तक बढ़ा दिया है। तदनुसार, सभी शहरी सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंक 30 सितंबर, 2021 को या उससे पहले रिज़र्व बैंक को उक्त विवरणी प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे। राज्य सहकारी बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंक 30 सितंबर, 2021 को या उससे पहले नाबार्ड को भी उक्त रिटर्न जमा करना सुनिश्चित करेंगे। भवदीय (थॉमस मैथ्यू) |