बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 31 (धारा 56 के साथ पठित) के तहत विवरणियां प्रस्तुत करना - समय का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 31 (धारा 56 के साथ पठित) के तहत विवरणियां प्रस्तुत करना - समय का विस्तार
भारिबैं/2020-2021/55 13 अक्तूबर 2020 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 31 (धारा 56 के साथ पठित) के तहत विवरणियां प्रस्तुत करना - समय का विस्तार कृपया सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) को जारी दिनांक 26 अगस्त 2020 के हमारे परिपत्र DoR.(PCB).BPD.Cir.No.2/12.05.001/2020-21 का संदर्भ लें जिसमें यह सूचित किया गया था कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 [बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश 2020 के अनुसार संशोधित] की धारा 31 (धारा 56 के साथ पठित) के तहत 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए विवरणी प्रस्तुत करने की तारीख का विस्तार तीन महीने अर्थात 30 सितंबर 2020 की अवधि के लिए किया गया है। 2. कोविड-19 महामारी के कारण वित्तीय विवरणियां तैयार करने में प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों को हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक की सिफ़ारिश पर राजपत्र अधिसूचना सं.एस.ओ.3377(ई) दिनांक 29 सितंबर 2020 (प्रतिलिपि संलग्न) जारी किया है जिसके तहत यह घोषणा की है कि अधिनियम की धारा 56 खंड (टी) के साथ पठित धारा 31 प्राथमिक सहकारी बैंकों पर 31 दिसंबर 2020 तक लागू नहीं होगी। तदनुसार, सभी यूसीबी 31 दिसंबर 2020 को या इससे पूर्व उपर्युक्त विवरणियां रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करना सुनिश्चत करें। 3. चूंकि, बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है, उन्हें लेखापरीक्षक की रिपोर्ट के साथ खातों और बैलेन्स शीट की तीन प्रतियाँ रिटर्न के रुप में रिज़र्व बैंक और नेशनल बैंक (नाबार्ड) को बीआर अधिनियम की धारा 56 खंड (टी) के साथ पठित धारा 31 के अनुसार, जिस अवधि का उल्लेख किया जा रहा है, की समाप्ति से छह महीने के भीतर, अर्थात वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 30 सितंबर 2020 तक प्रस्तुत करना आवश्यक होता है। लेकिन, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों को कोविड-19 महामारी के कारण रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और प्रस्तुत करने में हो रही कठिनाई को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिनियम की धारा 31 के तहत 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए विवरणी प्रस्तुत करने के लिए उपर्युक्त धारा के पहले प्रावधान के अनुसार तीन महीने की अवधि के लिए विस्तार किया जाता है। तदनुसार, सभी राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 31 दिसंबर 2020 को या उससे पहले उपर्युक्त विवरणियां रिज़र्व बैंक और नाबार्ड को प्रस्तुत की जाएं। भवदीय, (नीरज निगम) |