विवरणियों का प्रस्तुतीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विवरणियों का प्रस्तुतीकरण
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 17 15 दिसम्बर 2001 प्रति विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, /महोदया विवरणियों का प्रस्तुतीकरण प्राधिकृत व्यापारियों को मालूम है कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के प्रारंभ के साथ विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा), 1973 के अधीन विहित कतिपय विवरणियों दीर्घकाल तक प्रासंगिक नहीं है। हमने स्थिति की समीक्षा की है और निम्नानुसार सूचित करते है कि : 1. वार्षिक विवरणियाँ फेमा के प्रारंभ से भारत में निवासी व्यकितयों को उनके द्वारा या तो रिज़र्व बैंक की सामान्य अनुमति या विशेष अनुमति के अनुसार धारित विदेशी आस्तियों के सभी ङ्रकारों के मामले में वार्षिक विवरणियॉ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। तथापि, जहाँ रिज़र्व बैंक ने आस्तियों के अर्जन हेतु साथ ही साथ उसकी बिक्री के लिए विशिष्ट अनुमति प्रदान की है और विवरणी के प्रस्तुतीकरण अनुमति के शर्तो में से एक है तो आवेदक को अनुमति में विहित के अनुसार विदेशी आस्तियों के पूर्ण ब्यौरों को प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। 2. फार्म सीआइआर में विवरण भूतपूर्व विदेशी मुद्रा नियंत्रण मैन्युअल (ईसीएम) के पैरा 10सी 24ए (iii) के अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों के नामोद्दिष्ट शाखाओं को अनिवासी भारतीयों को दिये गये विप्रेषण या अनिवासी विदेशी / विदेशी मुद्रा अनिवासी खातों को में किये गये जमाओं के संबंधित ब्यौरों को देते हुए फार्म सीआइआर में एक अर्ध वार्षिकी विवरण भारतीय रिज़र्व बैंक को अर्धवर्ष के आगामी माह के 15 प्रतिशत तक, जिससे वह संबंधित है, प्रस्तुत किया जाना आवश्यक था। फेमा, 1999 की धारा 5 में अन्तर्विष्ट उपबंधों के द्दष्टिकोन में प्राधिकृत व्यापारियों को फार्म सीआइआरा में विवरण भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत किया जाना आवश्यक नहीं है। 3. फार्म एसपीजी और एसपीएम में विवरण फेमा 1999 के प्रारंभ से दिनांक 16 मई 2000 के ए डी (एम ए सिरीज) परिपत्र के साथ संलग्न अनुबंध 1 के पैरा 7(v) और 8 के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी अन्य बातों के साथ-साथ, वे स्वयं विप्रेषण के समर्थन में दस्तावेजो साक्ष्य के सत्यापन के पश्चात एअरलाइन/ शिपिंग कंपनियों द्वारा जमा की गई बेशी भाड़ा/टिकट भाड़ा के विप्रेषणों की अनुमति दे सकते है। अत: एअरलाइन/शिपिंग कंपनियें को फार्म एसपीजी और एसपीएम में विवरणों को रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। 4. फार्म डीबीएस में विवरण डिप्लोमेटिक बान्ड स्टोअर्स अकौउन्ट रद्द किये जाने के कारण प्राधिकृत व्यापारियों को डीबीएस विवरण ड कृपया देखें ईसी (1993 संस्करण) के पैरा 11बी.5(ई)क रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। 6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये। 7. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये है। भवदीय ग्रेस कोशी |