बैंकिंग प्रणाली से वफ्षि और संबंधित कार्यकलापों के लिए ऋण उपलब्ध कराने संबंधी सलाहकार समिति की रिपोर्ट
भारिबैं / 2004-05 / 408
ग्राआऋवि.पीएलएफएस. बीसी. सं. 89 / 05.02.02 / 2004-05
मार्च 30, 2005
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
( सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक )
महोदय,
बैंकिंग प्रणाली से वफ्षि और संबंधित कार्यकलापों के लिए ऋण उपलब्ध कराने संबंधी सलाहकार समिति की रिपोर्ट
वफ्पया दिनांक 15 अक्तूबर 2004 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. प्लान. बीसी. 40/04.09.01/2004-05 देखें, जिसके द्वारा प्रो. वी.एस.व्यास की अध्यक्षता में गठित उपर्युक्त समिति की स्वीवफ्त सिफारिशें भेजी गयी थी । अब निम्नलिखित सिफारिशें स्वीवफ्त की गयी हैं और बैंकों द्वारा तुरंत कार्यान्वयन हेतु भेजी जा रही है ।
i. प्रत्येक ग्रामीण शाखा में एक शाखा सलाहकार समिति की स्थापना की जाए, जिसमें शाखा के सेवा क्षेत्र में आनेवाली स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हों, जिनमें महिला नेता भी हों । इस समिति की प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बैठक होनी चाहिए । ऐसी बैठकों को अनिवार्य बनाया जाये तथा उनमें बैंक के नियंत्रक अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो ।
(पैराग्राफ 6.5 (ख्) )
* बैंक शाखा / शाखाओं के समूहों के लिए एक स्थानीय सलाहकार समिति गठित करने पर विचार कर सकते हैं, जिसमें बैंक की सेवाओं के उपभोक्ता सदस्य होंगे ।
(वव) राज्य के उन बैंकों ने जहां स्वयं सहायता समूह बैंक सहलग्नता कार्यक्रम में संतोषजनक प्रगति नहीं दिखायी है, एक त्रिवर्षीय कार्य योजना तैयार करके स्वयं सहायता समूहों के बैंक सहलग्नता को सहज बनाने के लिए अपनी ग्रामीण शाखाओं को प्रेरित करने की जरुरत है । सभी बैंक केंद्रीय कार्यालयों और प्रत्येक राज्य में पर्याप्त कर्मचारियों वाले वित्त कक्षों की स्थापना करें ।
(पैराग्राफ 6.12)
* बैंक उनके केंद्रीय कार्यालयों में व्यष्टि वित्त कक्षों की स्थापना करने पर विचार करें ।
(ववव) स्वयं सहायता समूहों द्वारा अनुरक्षित खाता बही का स्वरुप चिंता का विषय है, इसलिए बैंक इन स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करते हुए संबंधित एजेंसियों के साथ संपर्क कर स्थानीय बही लेखकों के उपयोग को बढ़ावा दे सकते हैं । इस तरह की व्यवस्था बैंकों के कुछ सहयोग से आपस में लागत की साझेदारी के आधार पर की जा सकती है ।
(पैराग्राफ 6.15)
* बैंक इस सिफारिश पर कार्यान्वयन हेतु विचार कर सकते हैं ।
2. बैंकों से अनुरोध है कि इन सिफारिशों पर तुरंत कार्रवाई आरंभ करें और यह सुनिश्चित करें कि इस संबंध में अपने नियंत्रक कार्यालयों और शाखाओं को उचित अनुदेश जारी किये जाते हैं । इस संबंध में की गयी कार्रवाई से हमें यथाशीघ्र अवगत करें ।
3. वफ्पया प्राप्ति सूचना दें ।
भवदीय
( सी.एस.मूर्ति )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
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