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बैंककारी कंपनी (नामांकन) नियमावली, 1985 - स्पष्टीकरण

आरबीआई/2011-12/ 469
बैंपविवि.सं. एलईजी. बीसी. 89/09.07.005/2011-12

26 मार्च 2012

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

बैंककारी कंपनी (नामांकन) नियमावली, 1985 - स्पष्टीकरण

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 30 मार्च 2011 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 83/ 09.07.005/ 2010-11 का पैरा 1 देखें जिसमें हमने यह स्पष्ट किया है कि फार्म डीए1, डीए2 और डीए3 पर खाताधारकों के हस्ताक्षरों को साक्षियों द्वारा अनुप्रमाणित किए जाने की आवश्यकता नहीं है ।

2. इस संबंध में बैंकों से कुछ प्रश्न प्राप्त हुए थे और हम आगे यह स्पष्ट करते हैं कि बैंककारी कंपनी नामांकन नियमावली, 1985 के अंतर्गत निर्धारित विभिन्न फार्मों (बैंक जमा के डीए1, डीए2 और डीए3, सुरक्षित अभिरक्षा में रखी गई वस्तुओं के लिए फार्म एससी1, एससी2 और एससी3, सेफटी लॉकर संबंधी फार्म एसएल1, एसएल1ए, एसएल2, एसएल3 एवं एसएल3ए) पर केवल अंगूठे के निशान (नों) का दो साक्षियों द्वारा अनुप्रमाणन किया जाएगा । खाताधारकों के हस्ताक्षरों का साक्षियों द्वारा अनुप्रमाणन किए जाने की आवश्यकता नहीं है ।

3. बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि ऊपर दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार वे अनुदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें ।

भवदीय

(दीपक सिंघल)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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