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गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- फैक्टर(रिज़र्व बैंक) निदेश, 2012

भारिबैं/2012-2013/207
गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं:303/फैक्टर/ 22.10.91/ 2012-13

14 सितम्बर 2012

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदय,

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- फैक्टर(रिज़र्व बैंक) निदेश, 2012

यह याद दिलाया जाता है कि बैंक द्वारा उक्त निदेश 23 जुलाई 2012 को जारी किया गया था। इसी क्रम में, गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार करने या धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 , गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने या नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का लेखा परीक्षक रिपोर्ट (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2008 में संशोधन करने वाली, सभी उक्त दिनांक की अधिसूचनाएं गहन अनुपालन हेतु जारी की गई है।

2. उक्त दिनांक की अधिसूचनाओं की एक - एक प्रति गहन अनुपालन हेतु संलग्न है।

भवदीया,

(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न: यथोपरि।


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैरबैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
सेंटर I, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड , कोलाबा
मुंबई - 400 005

अधिसूचना सं गैबैंपवि.250/मुमप्र(नीप्र) -2012

14 सितम्बर 2012

भारतीय रिजर्व बैंक , जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.192/ डीजी (वीएल)- 2007 में अंतविष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियां स्वीकार करने या धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश, 2007 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934(1934 का 2) की धारा 45ञ, 45ञक तथा 45ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-

1. पैरा 2 में संशोधन –
उप – पैरा (1) में, खण्ड (xii) के बाद, निम्नलिखित खण्ड (xiiए) जोड़े जाएंगे।

“(xiiए) ‘गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- फैक्टर अर्थात भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ के खण्ड (एफ) में परिभाषित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जिसका फैक्टरिंग कारोबार में वित्तीय परिसंपत्तियां कुल परिसंपत्तियों का कम से कम 75 प्रतिशत हो और फैक्टरिंग कारोबार से उत्पन्न आय इसके सकल आय के 75 प्रतिशत से कम न हो और जिसे फैक्टरिंग विनियम अधिनियम, 2011 की धारा 3 के उप धारा (1) के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

2. पैराग्राफ 15 में संशोधन–

पैरा 15 के अंतिम वाक्य के बाद निम्नलिखित वाक्य जोड़ा जाएगा:

"एनबीएफसी-फैक्टर, ऐसे प्रमाण में फैक्टरिंग विनियम अधिनियम, की धारा 3 के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र धारण करने की आवश्यकता का उल्लेख होगा। प्रमाण पत्र में फैक्टरिंग परिसंपत्तियां का प्रतिशत तथा आय और कंपनी फैक्टरिंग विनियम अधिनियम के तहत एनबीएफसी –फैक्टर के रूप में वर्गीकृत होने के लिए निर्धारित सभी शर्तें पूरी करती है इसका भी उल्लेख किया गया हो”

(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैरबैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
सेंटर I, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड , कोलाबा
मुंबई- 400 005

अधिसूचना सं:गैबैंपवि.251/मुमप्र(यूएस)-2012

14 सितम्बर 2012

भारतीय रिजर्व बैंक , जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.193/ डीजी (वीएल)- 2007 में अंतविष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियां नहीं स्वीकार करने या नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश, 2007 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934(1934 का 2) की धारा 45ञ, 45 ञक तथा 45ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-

1. पैरा 2 में संशोधन –

उप – पैरा (1) में, खण्ड (viiiए) के बाद, निम्नलिखित खण्ड (viiiबी) जोड़े जाएंगे।

“(viiiबी) ‘गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- फैक्टर अर्थात भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 झ के खण्ड (एफ) में परिभाषित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जिसका फैक्टरिंग कारोबार में वित्तीय परिसंपत्तियां कुल परिसंपत्तियों का कम से कम 75 प्रतिशत हो और फैक्टरिंग कारोबार से उत्पन्न आय इसके सकल आय के 75 प्रतिशत से कम न हो और जिसे फैक्टरिंग विनियम अधिनियम, 2011 की धारा 3 के उप धारा (1) के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

2. पैराग्राफ 15 में संशोधन–

पैरा 15 के अंतिम वाक्य के बाद निम्नलिखित वाक्य जोड़ा जाएगा:

"एनबीएफसी-फैक्टर, ऐसे प्रमाण में फैक्टरिंग विनियम अधिनियम, 2011 की धारा 3 के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र धारण करने की आवश्यकता का उल्लेख होगा। प्रमाण पत्र में फैक्टरिंग परिसंपत्तियां का प्रतिशत तथा आय और कंपनी फैक्टरिंग विनियम अधिनियम के तहत एनबीएफसी –फैक्टर के रूप में वर्गीकृत होने के लिए निर्धारित सभी शर्तें पूरी करती है इसका भी उल्लेख किया गया हो”

(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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