भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण – व्यापार क्रेडिट के लिए जारी बैंक गारंटी पर विवरणी की प्रस्तुति केंद्रीकृत सूचना प्रबंधन प्रणाली (सीआईएमएस) के माध्यम से करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण – व्यापार क्रेडिट के लिए जारी बैंक गारंटी पर विवरणी की प्रस्तुति केंद्रीकृत सूचना प्रबंधन प्रणाली (सीआईएमएस) के माध्यम से करना
आरबीआई /2023-24/96 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 10 22 दिसंबर 2023 सेवा में सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण – व्यापार क्रेडिट के लिए जारी बैंक गारंटी पर विवरणी की प्रस्तुति केंद्रीकृत सूचना प्रबंधन प्रणाली (सीआईएमएस) के माध्यम से करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 13 मार्च 2018 के एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र संख्या 20 के साथ पठित 19 नवंबर 2013 के एपी (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 75 की ओर आकृष्ट किया जाता है जो भारत में आयात के लिए व्यापार ऋणों और उनके संबंध में एडी बैंकों द्वारा जारी बैंक गारंटियों का तिमाही विवरण एक्सटेंसिबल बिजनेस रिपोर्टिंग लैंग्वेज (एक्सबीआरएल) प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत करने से संबंधित था। 2. रिज़र्व बैंक द्वारा नेक्स्ट जेनरेशन डेटा वेयरहाउस अर्थात् केंद्रीकृत सूचना प्रबंधन प्रणाली (सीआईएमएस) का शुभारंभ किए जाने के साथ ही, एडी बैंकों द्वारा व्यापार ऋणों के लिए जारी की गयी गारंटियों से संबंधित डेटा की तिमाही रिपोर्टिंग की व्यवस्था को एक्सबीआरएल प्लेटफॉर्म से सीआईएमएस में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। सीआईएमएस पर इस विवरण को रिटर्न कोड- 'R131' निर्धारित किया गया है। 3. सीआईएमएस प्लेटफॉर्म पर एडी श्रेणी-1 के बैंकों की ऑनबोर्डिंग पहले ही की जा चुकी है और वे वर्तमान में उपर्युक्त विवरणी एक्सबीआरएल साइट के साथ-साथ सीआईएमएस पोर्टल पर प्रस्तुत कर रहे हैं। भविष्य में, एडी श्रेणी-1 बैंक केवल सीआईएमएस पोर्टल (यूआरएल: https://sankalan.rbi.org.in/) पर उक्त विवरणी प्रस्तुत करेंगे क्योंकि एक्सबीआरएल साइट के माध्यम से विवरणी की प्रस्तुति 26 दिसंबर 2023 से बंद कर दी जाएगी। 4. दिनांक 26 मार्च, 2019 के मास्टर निदेश - बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण और संरचित दायित्व (समय-समय पर यथासंशोधित) को तदनुसार संशोधित करते हुए इसमें उपर्युक्त परिवर्तनों को शामिल किया जाएगा। एडी बैंक इस परिपत्र की सामग्री को अपने घटकों की जानकारी में लाएँ। 5. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (2) के तहत जारी किए गए हैं और ये किसी अन्य कानून के तहत आवश्यक अनुमतियों/ अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते। भवदीय (डॉ. आदित्य गेहा ) |