जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (डीसीसीबी)/राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) में रखी गई जमाराशि को सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के रूप में माना जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (डीसीसीबी)/राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) में रखी गई जमाराशि को सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के रूप में माना जाना
आरबीआई/2008-09/200 30 सितंबर 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/महोदया जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (डीसीसीबी)/राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) कृपया उपर्युक्त विषय पर 20 सितंबर 2007 का हमारा परिपत्र शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).सं. 17/12.05.001/2007-08 देखें जिसके द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया गया था कि यदि किसी शहरी सहकारी बैंक ने किसी ऐसे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक से कोई ऋण लिया है जिसमें उसकी जमाराशि रखी हो तो सांविधिक चलनिधि अनुपात की गणना करने के प्रयोजन से जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक से लिए गए ऋण की राशि इस बात पर बिना कोई विचार किए जमाराशि से घटा दी जाएगी कि क्या ऐसी जमाराशि पर ग्रहणाधिकार (लिएन) निर्धारित किया गया है या नहीं। 2. वेतनभोगी शहरी सहकारी बैंकों को निर्धारित अपेक्षाओं का अनुपालन करने के लिए उपर्युक्त परिपत्र में निर्धारित समय-सीमा को बढ़ाने की मंज़ूरी देने के संबंध में प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर इस मामले की समीक्षा की गई है। वेतनभोगी शहरी सहकारी बैंकों की प्रकृति तथा सदस्यता प्रोफाइल और हमारे अनुदेशों के कार्यान्वयन में महसूस की गई कठिनाइयों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि हमारे अनुदेशों का अनुपालन करने के लिए समय-सीमा को आगे बढ़ाते हुए 31 मार्च 2009 तक कर दिया जाए। 3. कृपया प्राप्ति-सूचना संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय (ए.के.खौंड) |