RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79054112

वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - विस्तार पटलों का पूर्णत: विकसित शाखाओं के रूप में परिवर्तन - शहरी सहकारी बैंक


आरबीआई/2006-07/175
शबैंवि.केंका (पीसीबी) परि.सं.18/07.01.000/2006-07

13 नवंबर 2006

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय/महोदया

वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा -
विस्तार पटलों का पूर्णत: विकसित शाखाओं के रूप में परिवर्तन - शहरी सहकारी बैंक

जैसा कि आप जानते हैं, वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य में यह घोषणा की गई थी कि भारतीय रिज़र्व बैंक शहरी सहकारी बैंकों के संबंध में व्यापक नीति बनने के बाद ही शहरी सहकारी बैंकों के लिए नए लाइसेंस जारी करने पर विचार करेगा। यह उम्मीद की गई थी कि इस क्षेत्र के लिए एक समुचित कानूनी एवं विनियामक ढांचे को शामिल करते हुए शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए एक नीति निर्धारित की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप शाखाएं खोलने का प्राधिकार देने पर भी रोक लगा दी गई थी।
2. वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा की घोषणा के शेष हिस्से के रूप में मार्च 2005 में शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक विजन डाक्यूमेंट को सार्वजनिक रूप से जारी किया गया था और उस पर प्राप्त फीडबैक के आधार पर शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक मध्यावधि ढांचा (एमटीएफ) विकसित किया गया था। विजन डाक्यूमेंट तथा मध्यावधि ढांचा (एमटीएफ) में प्रत्येक राज्य में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के द्वारा राज्य सरकारों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के बीच विनियामक समन्वय की कल्पना की गई थी ताकि मौज़ूदा कानूनी ढांचे के भीतर रहते हुए दोहरे नियंत्रण की समस्याओं को सुलझाया जा सके। अभी तक आठ राज्य सरकारों नामत: आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तथा गोवा ने भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से प्रत्येक राज्य में पता लगाकर संभावित रूप से सक्षम शहरी सहकारी बैंकों के पुनरुज्जीवन तथा संभावित रूप से अक्षम शहरी सहकारी बैंकों के बिना किसी बाधा के बाहर निकल जाने के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने के लिए शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक कार्यदल (टैफकब) का गठन किया गया है।
3. कुछ राज्य सरकारों के साथ किए गए समझौता ज्ञापन के माध्यम से विनियामक समन्वय के फलस्वरूप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा (पैराग्राफ 150 की प्रतिलिपि संलग्न) में यह घोषणा की गई थी कि भारतीय रिज़र्व बैंक वित्तीय रूप से उन सक्षम शहरी सहकारी बैंकों को कतिपय शर्तों के अधीन अपने मौज़ूदा विस्तार पटलों को पूर्णत: विकसित शाखाओं में परिवर्तित करने की अनुमति देने पर विचार करेगा जो उन राज्यों में पंजीकृत हैं जिन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं तथा जो बहु-राज्यीय सहकारी सोसायटियां अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पंजी कृत हैं।
4. तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि ग्रेड घ्घ्घ् तथा घ्ङ के बैंकों के अतिरिक्त शहरी सहकारी बैंक जो उन राज्यों में पंजीकृत हैं जिन्होंने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं तथा जो बहु-राज्यीय सहकारी सोसायटियां अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पंजीकृत हैं, अपने विस्तार पटलों के परिचालन के तीन वर्ष पूरा हो जाने के बाद उन्हें पूर्णत: विकसित शाखाओं के रूप में परिवर्तित करने के लिए पात्र होंगे। इन शाखाओं के स्थानांतरण/नए स्थान पर ले जाने, यदि बैंक द्वारा आवश्यक समझा जाता है, की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अधीन दी जाएगी:

  1. प्रस्ताव शहर/कस्बे की सीमा के भीतर परिवर्तित शाखा के स्थानांतरण/नए स्थान पर ले जाने का है।
  2. विस्तार पटल के मौज़ूदा ग्राहकों जिनमें संस्थागत ग्राहक शामिल हैं, को बैंकिंग सेवाएं सुनिश्चित की जाती हों।
  3. नए विस्तार पटल की अनुमति उसी संस्था में दी जाएगी जिसमें मौज़ूदा समय में विस्तार पटल स्थित है।

5. इस संबंध में जारी अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे।
6. इस संबंध में अनुरोध भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के शहरी बैंक विभाग को भेजे जाएं।
7. कृपया प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय

(एन.एस.विश्वनाथन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक: यथोपरि

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?