भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआई /2008-2009/346 05 जनवरी 2009 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 03, नवंबर 2008 का हमारा परिपत्र शबैंवि (पीसीबी).सं./8/12.03.000/2008-09 देखें । 2. वर्तमान वैश्विक तथा घरेलू समष्टि आर्थिक स्थिति की समीक्षा करने के बाद तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 02 जनवरी 2009 की प्रेस प्रकाशनी 2008-2009/1023 में की गई घोषणा के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 17 जनवरी 2009 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 50 आधार अंको को घटाकर उनकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं (एन डी टी एल) का 5.50 प्रतिशत से 5.00 प्रतिशत किया जाए। 3. इससे संबंधित 05 जनवरी 2009 अधिसूचना .सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/ /12.03.000/ 2008-09 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें । भवदीय
(ए के खौंड)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक संदर्भ.सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/12/12.03.000/2008-09 जनवरी 05, 2009 अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 03 नवंबर 2008 की अपनी अधिसूचना शबैंवि.पीसीबी.सं. 7/12.03.000/ 2008-09 का आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा यह अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक द्वारा रखा जाने वाला अपेक्षित आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 17 जनवरी 2009 को आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 50 आधार अंक घटाकर उसकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं का 5.00 प्रतिशत होगा । (वी.एस.दास) |