भारिबैं/2010-11/524 शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.47/13.05.000/2010-11 11 मई 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया मौद्रिक नीति वक्तव्य 2011-12 - आवास, अचल संपत्ति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए एक्सपोजर - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक कृपया ऋण सीमा संबधी मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंधों पर 01 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र शबैंवि.पीसीबी एमसी.सं.1 /13.05.000/2010-11 का पैरा 2.3.4 तथा आवास योजना के लिए वित्त पर 1 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र शबैंवि.पीसीबी.एमसी.सं.2/09.22.010/2010-11 का पैरा 4.7.4 देखें, जिसमें यह कहा गया है कि आवास, अचल संपत्ति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए शहरी सहकारी बैंकों द्वारा दिए जानेवाले ऋण की निर्धारित सीमा इस प्रयोजन के लिए हायर फिनानसिंग एजन्सीज तथा नैशनल हाउसिंग बैंक से पुनर्वित्त के माध्यम से प्राप्त निधि की सीमा तंक बढाई जाए। कृपया 15 नवंबर 2010 का परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी) परि सं.23/13.05.000/2010-11 भी देखें, जिसमें यह सूचित किया गया था कि आवास, अचल संपत्ति तथा वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए शहरी सहकारी बैंकों का एक्सपोजर उनकी कुल संपत्ति के 10 प्रतिशत होना चाहिए तथा जो कुल संपत्ति के 5 प्रतिशत से बढाया जा सकता है यदि बैंक द्वारा किसी एक व्यक्ति को रु.10 लाख तक की लगतवाले आवासीय यूनिट की खरीद /निर्माण के लिए आवास ऋण मंजूर किया जा रहा हो । 2. मौद्रिक नीति वक्तव्य 2011-12 (पैरा 101-उद्धरण संलग्न) में घोषित किए गए अनुसार शहरी सहकारी बैंकों को अब से 15 नवंबर 2010 के परिपत्र के पैरा 1 में दिए गए अनुसार किसी एक व्यक्ति को अपनी कुल आस्तियों के अतिरिक्त 5% का 15 लाख रुपये तक किसी एक व्यक्ति को आवास ऋण देने के लिए अनुमति है । 3. यह भी निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त 1जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र के पैरा 2.3.4 और पैरा 4.7.4 के प्रावधान इस परिपत्र की तारीख से लागू नहीं रहेंगे। 4. शहरी सहकारी बैंकों द्वारा आवास, अचल संपत्ति तथा वाणिज्यिक अचल संपत्ति क्षेत्र को ऋण देना, कुल आस्तियों की गणना पर अन्य सभी अनुदेशो में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। भवदीया (उमा शंकर) मुख्य महाप्रबंधक
मौद्रिक नीति वक्तव्य 2011-12 आवास, अचल संपत्ति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए शहरी सहकारी बैंकों का एक्सपोजर 101. नवंबर 2010 की दूसरी तिमाही की समीक्षा में की गयी घोषणाओं के अनुवर्तन में शहरी सहकारी बैंकों को यह अनुमति दी गई कि वे आवास, अचल संपत्ति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए अपनी कुल आस्तियों का 10 प्रतिशत और 10 लाख रुपए की लागतवाले आवास इकाइयों की खरीद तथा निर्माण के लिए अपनी कुल आस्तियों का अतिरिक्त 5 प्रतिशत ऋण दे सकते हैं । शहरी सहकारी बैंकों और उनकी सहायक संस्थाओं से इस आशय के प्राप्त अभ्यावेदनों को देखते हुए कि उन्हें आवास इकाइयों की भारी लागत के कारण अपनी कुल आस्तियों की 5 प्रतिशत की अतिरिक्त सीमा का उपयोग करने में कठिनाई आ रही है, यह प्रस्ताव है कि :
- शहरी सहकारी बैंकों को पहले अनुमत उनकी कुल आस्तियों के अतिरिक्त 5 प्रतिशत का 15 लाख रुपये तक के
आवास ऋणों के उपयोग के लिए अनुमति दी जाए ।
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