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वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा - परिचालन क्षेत्र में विस्तार - उदारीकरण

आरबीआइ/2010-11/279
शबैंवि.केंका.एलएस.परि.सं.25/07.01.000/2010-11

16 नवंबर 2010

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय /महोदया

वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा - परिचालन क्षेत्र में विस्तार - उदारीकरण

कृपया वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा का पैरा 88 देखे (उद्धरण सलंग्न) । जैसा कि उसमें घोषित किया गया है, क्षेत्र की स्थिति में समग्र सुधार होने के कारण यह निर्णय लिया गया है कि शहरी सहकारी बैंकों (युसीबी) को बहुराज्यीय दर्जा देने पर तथा पंजीकरण राज्य से बाहर परिचालन क्षेत्र बढाने पर लगायी गयी पाबंदी हटायी जाए । तद्नुसार निर्णय लिया गया हैं कि :

1) सुव्यवस्थित और वित्तीय दृष्टि से मजबूत रु.50 करोड की न्यूनतम निवल मालियत वाले शहरी सहकारी बैंको को पंजीकरण करने वाले राज्य के बाहर या उनकी पसंद के अन्य राज्य में निम्नलिखित शर्ता के अधीन अपने परिचालन क्षेत्र को बढ़ाने की अनुमति है:

क) सीआरएआर 10% से कम नही
ख) निवल अनर्जक आस्तिया 5% से कम हो
ग) पिछले वित्तीय वर्ष में सीआरआर /एसएलआर रखने में चूक न हो
घ) पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ दर्ज किया गया हो
च) सृदृढ अंतरिक नियंत्रण प्रणाली के साथ साथ बोर्ड पर कम से कम दो व्यावसायिक निदेशक हो
छ) बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू), भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुपालन का रिकाउद तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेश /निदेश, के आधार पर विनियामक सहजता

2.  उपर क) से छ) में दिए गए मानदंड पूर्ण करने वाले टियर II शहरी सहकारी बैंक जो बहुराज्यीय सहकारी समितियां अधिनियम 2002 के अंतर्गत पंजीकृत है या पंजीकृत होनेवाले है को अपना परिचालन मूल पंजीकरण के समूचे राज्य में परिचालन क्षेत्र का विस्तार करने की अनुमति है ।

3.  6 मई 2009 के हमारे अनुदेशों में संशोधन के साथ उपर क) से छ) में दीए गए मानदंड पूर्ण करनेवाले अच्छी तरह से प्रबंधित और वित्तीय दृष्टि से मजबूत एक राज्यीय टियर II शहरी सहकारी बैंकों को पंजीकरण के समूचे राज्य में परिचालन क्षेत्र का विस्तार करने की अनुमति है ।

4.  ऐसे शहरी सहकारी बैंक जिन्होंने अन्य राज्य (यों) में कमजोर बैंको का अधिग्रहण किया है, उन्हें लक्ष्य बैंक का पंजीकरण करनेवाले समूचे राज्य में परिचालन क्षेत्र का विस्तार करने की अनुमति है बशर्ते उनके पास न्यूनतम रु.50 करोड की निवल मालियत हो । तथापि अन्य राज्य (यों) में कमजोर बैंकों का अधिग्रहण करके बहुराज्यीय दर्जा प्राप्त करने वाले बैंक जिनकी निवल मालियत रु.50 करोड रूपये से कम है अब तक की तरह अधिग्रहित बैंक के राज्य में लक्ष्य बैंक के परिचालन क्षेत्र तक अपनी परिचालन क्षेत्र में विस्तार करने की अनुमति है ।

5.  पात्र शहरी सहकारी बैंक अनुमोदन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करें ।

भवदीय

(ए. उदगाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा

शहरी सहकारी बैंकों के परिचालन क्षेत्र में बढ़ोतरी

88. अच्छी तरह से प्रबंधित और विदृष्टि से मजबूत शहरी सहकारी बैंकों के विकास को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए, यह प्रस्तावित है कि :

  • रु.50 करोड़ की न्यूनतम निवल मालियम वाले शहरी सहकारी बैंकों के लिए बहु-राज्य अवस्थिति की मुजूरी देने पर वर्तमान पाबंदी को वापस लिया जाए और परिचालन क्षेत्र को पंजीकरण करने वाले राज्य के बाहर भी बढ़ाया जाए ।

  • ऐसे शहरी सहकारी बैंक जिन्होंने अन्य राज्य(यों) में कमजोर बैंकों का अधिग्रहण किया है, उन्हें लक्ष्य बैंक का पंजीकरण करने वाले समूचे राज्य में परिचालन क्षेत्र का विस्तार करने की अनुमति दी जाए बशर्तें उनके पास न्यूनतम रु.50 करोड़ की निवल मलियत हो; और

  • बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत या पंजीकृत प्रतीत वाले टीयर-II शहरी सहकारी बैंक को मूल रूप से पंजीकरण करने वाले समूचे राज्य में परिचालन क्षेत्र बढ़ाने की अनुमति दी जाए ।

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