भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआई / 2007-08/307
संदर्भ : संदर्भ : शबैंवि (पीसीबी).सं./5/12.03.000/2007-08
30 अप्रैल 2008
10 वैशाख 1930 (शक)
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय,
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 22 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र्ा आरबीआई/2007-2008/293/ शबैंवि (पीसीबी).सं.4/12.03.000/2007-08 देखें ।वर्ष 2008-09 के लिए 29 अप्रैल 2008 को जारी गवर्नर महोदय के वार्षिक नीति वक्तव्य में घोषित किए गए अनुसार , उभरती हुई चलनिधि स्थिति की समीक्षा पर यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंको का आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 24 मई 2008 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े सें उनकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं के 8.00 प्रतिशत से बढाकर 8.25 प्रतिशत किया जाए ।
2. इस से संबंधित 30 अप्रैल 2008 की अधिसूचना .सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/12/12.03.000/ 2007-08 की प्रतिलिपि संलग्न है।
3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीय
मुख्य महाप्रबंधक
संदर्भ.सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/12/12.03.000/2007-08
30 अप्रैल 2008
10 वैशाख 1930 (शक)
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 22 अप्रैल 2008 की अपनी अधिसूचना शबैंवि.पीसीबी.सं. 11/12.03.000/2007-08 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा यह अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक द्वारा रखे जाने के लिए अपेक्षित औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 24 मई 2008 को प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से उसकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं के 8.25 प्रतिशत होगा।
(वी.एस.दास)
कार्यपालक निदेशक