बजट घोषणा 2009-10 - एकमुश्त निपटान योजना की अंतिम तिथि का 31 दिसंबर 2009 तक विस्तार (ऋषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना 2008 के अंतर्गत) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बजट घोषणा 2009-10 - एकमुश्त निपटान योजना की अंतिम तिथि का 31 दिसंबर 2009 तक विस्तार (ऋषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना 2008 के अंतर्गत)
भारबैं /2009-10 /145 03 सितंबर 2009 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय /महोदया बजट घोषणा 2009-10 - एकमुश्त निपटान योजना की अंतिम तिथि का 31 दिसंबर 2009 कृपया उपर्युक्त विषय पर 23 मई 2008 के हमारे परिपत्र शबैंवि.(पीसीबी).परि.सं.43 /13.05.000 /2007-08 के माध्यम से प्रेषित ऋषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना 2008 का पैरा 6 और 7.3 देखें । एक मुश्त निपटान योजना (ओटीएस) के अनुसार "अन्य कृषक" (जिनके पास 2 हैक्टर से अधिक भुमि है ऐसे किसान) को 30 जून 2009 तक ऋण राहत के लिए पात्र राशि का 75% भुगतान करना था । वर्षा का आगमन देर से होने के कारण भारत सरकार वित्तमंत्रालय ने अब यह अवधि छ महिनों के लिए अर्थात 31 दिसंबर 2009 तक बढाने का निर्णय लिया है । 2. शहरी सहकारी बैंकों को एकमुश्त निपटान योजना के अंतर्गत पात्र राशि के 75% से कम राशि भी प्राप्त करने के लिए अनुमति दी है, बशर्ते वह अंतर राशि का बोझ खुद उठाले और भारत सरकार या किसान से अंतर राशि के लिए दाव न करें । भारत सरकार ऋण राहत के अंतर्गत पहले ही सूचित किए गए अनुसार वास्तविक पात्र राशि का केवल 25% ही भुगतान करेगा । 3. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि शहरी सहकारी बैंक 29 फरवरी 2008 से 30 जून 2009 तक पात्र राशि पर कोई ब्याज नहीं लगाऐंगे । तथापि 1 जुलाई 2009 से निपटान की तारीख तक पात्र राशि पर सामान्य ब्याज लगा सकते है । 4. भारत सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि योजना के अंतर्गत पात्र किसान तथा एजंसियों से 31 जनवरी 2010 तक ही शिकायत ली जाएगी । 5. यह स्पष्ट किया जाता है कि ऋण राहत के लिए पात्र "अन्य कृषक" के मामले में "अन्य कृषक" द्वारा अपने भाग के 75% राशि का भुगतान किए जाने पर बैंक ऋण राहत योजना के लिए खाता खोले जैसे ऋण माफी योजना के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के लिए खोला गया है तथा इसका नाम "कृषि ऋण राहत योजना 2008 के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त राशि "रखे । किसान के खाते में ऋण राहत की 25% राशि "कृषि ऋण राहत योजना 2008 के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्य राशि " शीर्ष के अंतर्गत नामे की जाए । यह राशि तुलन पत्र में भी शामिल करे । 6. सभी संबंधितों को सूचित किया जाता है कि वे उपर्युक्त निर्णय /स्पष्टिकरण का व्यापक प्रचार करें ताकि किसान एडीडब्ल्यूडीआर योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें और असंतुष्ट किसान योजना से संबंधित अपनी शिकायते विस्तारित निर्धारित तिथि के पहले निवारण के लिए प्रस्तुत कर सकें । 7. मामले को अत्यावश्यक समझे । भवदीय (ए.के. खौंड) |