भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखना
आरबीआइ/2006-07/271
संदर्भ : शबैंवि (पीसीबी).सं.3/12.03.000/2006-07
1 मार्च 2007
10 फाल्गुन 1928(शक)
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय/महोदया
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 22 जून 2006 का हमारा परिपत्र शबैंवि (पीसीबी) सं.59/16.26.000/2005-2006 देखें। भारत सरकार ने दिनांक 9 जनवरी 2007 की अपने असाधारण राजपत्र की अधिसूचना सं. एस. ओ. 21(ई) में 9 जनवरी 2007 को उस तारीख के रूप में अधिसूचित किया है जिस दिन भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम (संशोधन) अधिनियम, 2006 की धारा 3 को छोड़कर सभी उपबंध लागू होंगे ।
भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम 2006 की धारा 3 में निम्नलिखित को हटाने का प्रावधान था :
(i) देश में मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित किये जानेवाले सीआरआर की न्यूनतम और उच्चतम सीमा; और
(ii) पात्र सीआरआर शेष पर डअर्थात् सांविधिक न्यूनतम सीआरआर और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित सीआरआर के बीच की रिज़र्व राशि पर ब्याज भुगतान का प्रावधान ।
चूंकि उपर्युक्त धारा (3) को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है, अत: भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) के विद्यमान प्रावधानों के अनुसार बैंकों की कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत का न्यूनतम सीआरआर स्तर और 20 प्रतिशत का अधिकतम सीआरआर स्तर 22 जून 2006 से प्रभावी रहेगा ।
तदनुसार, अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा कुल मांग और मीयादी देयताओं पर रखा जानेवाला प्रभावी सीआरआर 1 मार्च 2007 के हमारे परिपत्र शबैंवि (पीसीबी) सं. 3/12.03.000/2006-07 में दी गयी छूट की शर्त के अधीन 3 प्रतिशत से कम नहीं होगा। साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप धारा (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक अपनी कुल मांग और मीयादी देयताओं का 17 फरवरी 2007 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 5.75 प्रतिशत और 3 मार्च 2007 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 6.00 प्रतिशत का आरक्षित नकदी निधि अनुपात रखना जारी रखेगा ।
2. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की उप धारा 42(5) (ग) के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे बैंकों को दाण्डिक ब्याज के भुगतान से छूट दी जाए जिन्होंने 22 जून 2006 से 2 मार्च 2007 के बीच सीआरआर के लिए मांग और मीयादी देयताओं की गणना के लिए सीआरआर छूट की गणना के कारण 3 प्रतिशत के सांविधिक न्यूनतम सीआरआर के स्तर का उल्लंघन किया है ।
3. यह भी निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों को पात्र सीआरआर शेष राशियों पर निम्नलिखित दरों पर ब्याज भुगतान करेगा :
(क) 24 जून 2006 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 8 दिसंबर 2006 तक सीआरआर अपेक्षा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक के पास रखी गयी पात्र नकद शेष राशियों पर वार्षिक 3.50 प्रतिशत ।
(ख) 9 दिसंबर 2006 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 16 फरवरी 2007 तक सीआरआर अपेक्षा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक के पास रखी गयी पात्र नकद शेष राशियों पर वार्षिक 2.00 प्रतिशत ।
(ग) 17 फरवरी 2007 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से सीआरआर अपेक्षा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक के पास रखी गयी पात्र नकद शेष राशियों पर वार्षिक 1.00 प्रतिशत ।
4. 1 मार्च 2007 की संबंधित अधिसूचना शबैंवि (पीसीबी) सं. 3/12.03.000/2006-07 की प्रति संलग्न है ।
5. कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीय
(एन.एस.विश्वनाथन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
शबैंवि (पी सी बी) सं.3/12.03.000/2006-07
1 मार्च 2007
10 फाल्गुन 1928 (शक)
अधिसूचना
यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से 22 जून 2006 की अधिसूचना शबैंवि (पीसीबी) सं.13275/16.26.000/2005-06 वापस ले ली जाए — तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट छूट की शर्त के अधीन अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के संबंध में कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत का सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखने की अपेक्षा बहाल की जाती है — साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप धारा (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक अपनी कुल मांग और मीयादी देयताओं का 17 फरवरी 2007 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 5.75 प्रतिशत और 3 मार्च 2007 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 6.00 प्रतिशत का आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखना जारी रखेगा, जैसा कि 14 फरवरी 2007 की अधिसूचना शबैंवि (पीसीबी) सं. 2/12.03.000/2006-07 में प्रावधान किया गया है ।
(वी.एस.दास)
कार्यपालक निदेशक
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