भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
संदर्भ.सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/3 /12.03.000/2007-08
01 नवंबर 2007
10 कार्तिक 1929 (शक)
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय,
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 जूलाई 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-08/110 शबैंवि (पीसीबी) सं/9/12.03.000/2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10 नवंबर 2007 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 50 आधार बिंदुओं से बढ़ाकर उनकी मांग और मीयादी देयताओं के 7.50 प्रतिशत किया जाए ।
2. इससे संबंधित 31 अक्तूबर 2007 की अधिसूचना .सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/10/12.03.000/2007-08 की प्रतिलिपि संलग्न है।
3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीय
(सथ्यन डेव्हीड)
महाप्रबंधक
संदर्भ.सं.शबैंवि (पीसीबी) सं/10/12.03.000/2007-08
01 नवंबर 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की संशोधित उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 31 जुलाई 2007 की अधिसूचना शबैंवि.पीसीबी.सं. 9/12.03.000/2007-08 के आंशिक आशोधन में , भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक को चाहिए कि वह 10 नवंबर 2007 को प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अपनी मांग और मीयादी देयताओं के 7.50 प्रतिशत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखे।
(वी.एस.दास)
कार्यपालक निदेशक