RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79092080

वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा - शहरी सहकारी बैंकों द्वारा शाखा तथा विस्तार काउंटर खोलना - उदारीकृत मानदंड

आरबीआइ/2010-11/280
शबैंवि.केंका.एलएस.परि.सं.26 /07.01.000/2010-11

16 नवंबर 2010

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय /महोदया

वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा - शहरी सहकारी बैंकों द्वारा शाखा तथा विस्तार काउंटर खोलना - उदारीकृत मानदंड

कृपया वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा का पैरा 90 देखे (उद्धरण सलंग्न) । जैसा कि उसमें घोषित किया गया है यह निर्णय लिया गया है कि शहरी सहकारी बैंकों (युसीबी) द्वारा शाखाएं तथा विस्तार काउंटर खोलने के प्रयोजन के लिए विद्यमान मानदंडो का उदारीकरण किया जाए ।

2.तदनुसार, सुव्यवस्थित और वित्तीय दृष्टि से मजबूत शहरी सहकारी बैंक उनके अनुमोदित परिचालन क्षेत्र में वर्तमान 10% की वार्षिक उच्चतर सीमा से आगे, शाखाएं / विस्तार काउंटर खोलने तथा 3 वर्षो से अधिक अवधि के लिए कार्यरत विस्तार काउंटरों का उन्नयन करने के लिए पात्र हैं, बशर्ते उनके पास वर्तमान शाखा सहित (अनुबंध II में दिए गए अनुसार) प्रत्येक शाखा के लिए मूल्यांकित निवल संपत्ति के अनुसार पूंजी की पर्याप्त व्यवस्था हो (अनुबंध I में निर्धारित) तथा निम्नलिखित शर्ते पूर्ण करने के अधीन :

क) जिस केंद्र के लिए शाखा प्रस्तावित / पंजीकृत है के लिए विद्यमान प्रवेश बिंदु पूंजी मानदंड के अनुरूप न्यूनतम स्वाधिकृत निधियों के साथ निरंतर न्यूनतम 10% सीआरएआर रखना
ख) निवल अनर्जक आस्तिया 5% से कम हो
ग) पिछले वित्तीय वर्ष में सीआरआर /एसएलआर रखने में चूक न हो
घ) पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ दर्ज किया गया हो
च) सृदृढ अंतरिक नियंत्रण प्रणाली के साथ साथ बोर्ड पर कम से कम दो व्यावसायिक निदेशक हो
छ) बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू), भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुपालन का रिकाउद तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेश /निदेश, के आधार पर विनियामक सहजता

3.  उपर क) से छ) में दिए गए मानदंड पूर्ण करने वाले शहरी सहकारी बैंक अब तक की तरह उनकी वार्षिक कार्ययोजना मे शामिल किए बिना उनके अनुमोदित परिचालन क्षेत्र में ऑफ साइट एटीएम खोल सकते है।

4. उपर्युक्त मानदंड पूर्ण करनेवाले शहरी सहकारी बैंक अगले 12 महिनों के लिए उनके विद्यमान परिचालन क्षेत्र में शाखा /विस्तार काउंटर खोलने /विस्तार काउंटरो का पूर्ण शाखा में उन्नयन करने के लिए अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से वार्षिक कार्ययोजना बनाए तथा दो प्रतियों में इसे हमारे संबंधित कार्यालय में प्रस्तुत करें। कार्ययोजना के साथ संलग्न अनुबंध हमारे 16 जून 2008 के परिपत्र में निर्धारित फामेट में होने चाहिए।

5.  परिचालन क्षेत्र तथा शाखा प्राधिकार नीति पर 1 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र में निहित अन्य सभी अनुदेश जारी रहेंगे।

भवदीय

(ए. उदगाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


वर्ष 2010-11 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा

शहरी सहकारी बैंकों की शाखा लाइसेंसीकरण नीति का उदारीकरण

90. शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए शाखा लाइसेंसीकरण नीति को और अधिक उदार बनाने के लिए यह प्रस्ताव है क:

  • सुव्यवस्थित और वित्तीय रूप से मजबूत शहरी सहकारी बैंकों को उनके वर्तमान/अनुमोदित परिचालन क्षेत्र के भीतर वर्तमान 10 प्रतिशत की उच्चतम सीमा से आगे शाखाएं खोलने और काउंटर विस्तार की अनुमति दी जाए बशर्ते उनके पास प्रत्येक शाखा के लिए पूंजी की पर्याप्त व्यवस्था हो।


अनुबंध -I

केंद्र का संवर्ग (जनसंख्या)

अपेक्षित मूल्यांकित निवल संपत्ति -विद्यमान शाखाओं सहित प्रति शाखा

क (10 लाख और उससे अधिक)

200 लाख प्रति शाखा

ख (5 लाख और उससे अधिक परंतु 10 लाख से कम)

100 लाख प्रति शाखा

ग (1लाख और उससे अधिक परंतु 5 लाख से कम)

75 लाख प्रति शाखा

घ (1 लाख से कम)

50 लाख प्रति शाखा


अनुबंध -II

अ. शाखा आबंटन के लिए प्रति शाखा मूल्यांकित निवल संपत्ति के अनुसार पर्याप्त पूंजी की गणना पद्धति

( लाख रुपयों में) 

बैंक का नाम

 

मूंल्यलाकित निवल संपत्ति * 31 मार्च की स्थिति

 

 

विद्यमान शाखाओं के लिए उपयोग की गयी मूल्यांकित निवल संपत्ति (जिनके लिए आबंटन किया गया हैं परतु अब तक खोली नहीं गयी हैं के सहित) को घटाना

केंद्र की संख्या

उपयोग की गयी मूल्यांकित निवल संपत्ति

 

क केंद्र 200 लाख प्रति शाखा

 

 

 

ख केंद्र 100 लाख प्रति शाखा

 

 

 

ग केंद्र 75 लाख प्रति शाखा

 

 

 

घ केंद्र 50लाख प्रति शाखा

 

 

वर्ष 2011-12 में शाखा आबंटन के लिए उपलब्ध पर्याप्त पूंजी

 

 

 

 

 

* भारतीय रिज़र्व बैंक के अद्यतन निरीक्षण के आधार पर मूल्यांकित

आ.आबंटित शाखा / आबंटित की जानेवाली शाखा (वर्ष 2010-11 तथा 2011-12 के दौरान) का अनुमानित कारोबार को ध्यान में लेते हुए अपेक्षित सीआरएआर

बैंक का नाम

(रुपये लाख में)

 

31 मार्च को सीआरएआर

 

 

31 मार्च 2010 को पूंजी

 

 

वर्ष 2010-11 में खोली जानेवाली शाखाओं के लिए पहले वर्ष के अनुमानित अग्रिमों का 2.5% जोड़े

 

 

वर्ष 2011-12 में खोली जानेवाली शाखाओं के लिए पहले वर्ष के अनुमानित अग्रिमों का 2.5% जोड़े

 

 

एक वर्ष के बाद अपेक्षित कुल पूंजी

 

 

 

 

 

31 मार्च को जोखिम भारित आस्तियां

 

वर्ष 2010-11 में खोली जानेवाली शाखाओं के अनुमानित अग्रिमों का 100% जोड़े

 

 

वर्ष 2011-12 में खोली जानेवाली शाखाओं के अनुमानित अग्रिमों का 100% जोड़े

 

 

एक वर्ष के बाद अपेक्षित कुल जोखिम भारित आस्तियां

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

एक वर्ष के बाद संभावित सीआरएआर

 

 

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?