समाशोधन सुविधा प्राप्त करने हेतु प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा(पीसीबी) अन्य बैंकों में जमा रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
समाशोधन सुविधा प्राप्त करने हेतु प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा(पीसीबी) अन्य बैंकों में जमा रखना
भारिबैं/2009-10/485 जून, 7 2010 सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों केमुख्य कार्यपालक अधिकारी समाशोधन सुविधा प्राप्त करने हेतु प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा(पीसीबी) अन्य बैंकों में जमा रखना कृपया उक्त विषय पर 30.01.2009 का हमारा परिपत्र सं शबैंवि (पीसीबी). बीपीडी परिपत्र सं.47/16.20.000/2008-09 देखें। समाशोधन सुविधा का प्रयोग समेत सभी उपयोग के लिए शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमा रखने की प्रूडेंशियल इंटरबैंक (सकल) एक्सपोज़र सीमा तथा अंतर बैंक काउंटर पार्टी सीमा निर्धारित हैं। 2.दिनांक 01 जुलाई 2009 के मास्टर परिपत्र के अनुच्छेद सं 12.3.5 के अनुसार शहरी सहकारी बैंकों को उनके निधि की स्थिति, तरलता एवं अन्य बैंकों में जमा रखने की ज़रूरत, निधि का मूल्य, ऎसे जमाओं हेतु अपेक्षित वापसी दर एवं ब्याज मार्जिन, काउंटर पार्टी जोखिम आदि को ध्यान में रखते हुए नीति तैयार करके उसे निदेशक मंडल के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए सूचित किया गया था। आगे यह भी सूचित किया था कि बोर्ड को कम से कम अर्धवार्षिक अवधि में स्थिति के पुनरीक्षण करने हैं। 3.यह पाया गया है कि छोटे गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक समाशोधन सुविधा के लिए उप सदस्य समाशोधन व्यवस्था हेतु तुलनात्मक रूप से बडे गैर अनुसूचित बैंकों के साथ चालू खाता/ज़रूरी न्यूनतम शेष रख रहे हैं। गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक जिनके पास जमा रखा गया है उनकी वित्तीय स्थिति, व्यापार में अप्रत्याशित पतन से प्रभावित होने की संभावना है,जिससे जमा रखने वाले बैंक की वित्तीय स्थिति एवं कारोबार पर बुरा प्रभाव आ सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, समाशोधन व्यवस्था के तहद जो गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक अन्य गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक के पास जमा रखे हुए हैं उनको यह सूचित किया जाता है कि उक्त बैंक के मुद्रित तुलनपत्र एवं लाभ-हानि खाते के आधार पर अपने एक्सपोज़र का समय समय पर पुनरीक्षण करें। भवदीय (पी के अरोडा) |