बैंकों में मीयादी/सावधि जमाओं का पुनर्भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों में मीयादी/सावधि जमाओं का पुनर्भुगतान
आरबीआई/2011-12 /261 17 नवम्बर 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रिय महोदय, बैंकों में मीयादी/सावधि जमाओं का पुनर्भुगतान यह हमारे ध्यान में आया है कि कुछ बैंक मीयादी/सावधि जमाराशि का भुगतान करने के लिए दोनो जमाकर्ताओं के हस्ताक्षर पर जोर देते है हालकिं जमाराशि खाता इस परिचालन अनुदेश (कभी-कभी ' भुगतान निर्देश' कहा जाता है) के साथ खोलागया होता है कि दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी या पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी। इस प्रकार दोनो जमाकर्ताओं के हस्ताक्षर के आग्रह का यह अर्थ होता है कि जमाकर्ताओं द्वारा दिए गए आदेश को निरर्थक करना। इसके परिणामस्वरुप अनुचित विलंब होता है और खराब ग्राहक सेवा का आरोप लगाया जाता है। 2. इस संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि मीयादी/ सावधि जमाराशि खाते 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' इस अनुदेश के साथ खोले गए है तो परिपक्वता पर जमाराशि का भुगतान करने के लिए दोनो जमाकर्ताओं के हस्ताक्षर प्राप्त करना आवश्यक नहीं है। तथापि, परिपक्वता अवधि के पहले जमाराशि का भुगतान करने के लिए दोनो जमाकर्ताओं के हस्ताक्षर प्राप्त करना आवश्यक है। यदि खाता खोलते समय 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी' यह परिचालन अनुदेश दिए गए हो और परिपक्वता अवधि से पहले दोनो में से एक जमाकर्ता की मृत्यू हो जाती है तो, मृत जमाकर्ता के कानूनी वारिस की सहमति के बिना मीयादी /सावधि जमाराशि का परिपक्वता अवधि से पहले भुगतान न किया जाए। यद्यपि, इससे परिपक्वता अवधि पर उत्तरजीवी को भुगतान करने में कोई बाधा नहीं होगी। 3. 'पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी' परिचालन अनुदेश होने की स्थिति में दोनो जमाकर्ता जीवित होने के बावजूद सिर्फ पूर्ववर्ती व्यक्ति मीयादी /सावधि जमाराशि का परिचालन / आहरण कर सकता है। तथापि, परिपक्वता अवधि से पहले जमाराशि का भुगतान करने के लिए दोनो जमाकर्ताओं के हस्ताक्षर प्राप्त करने चाहिए। यदि पूर्ववर्ती व्यक्ति मीयादी/ सावधि जमाराशि की परिपक्वता अवधि से पहले मृत हो जाता है तो परिपक्वता पर उत्तरजीवी जमाराशि आहरित कर सकता है। यद्यपि जमाराशि के अवधिपूर्व आहरण के लिए दोनों जमाकर्ता यदि जीवित है, तथा उत्तरजीवी जमाकर्ता और दोनों मे से किसी एक की मृत्यू हो जाने पर मृत जमाकर्ता के कानूनी वारिस, दोनों पक्षों की सहमति आवश्यक है। 4. यदि संयुक्त जमाकर्ता 'दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी या पूर्ववर्ती व्यक्ति या उत्तरजीवी' परिचालन आदेश, जैसे भी स्थिति हो के साथ मीयादी /सावधि जमाराशि का अवधिपूर्व आहरण करना पसंद करते है तो बैंक ऐसे कर सकता है, बशर्ते इस प्रयोजन के लिए बैंक ने जमाकर्ताओं से संयुक्त आदेश प्राप्त किया हो। भवदीय (ए. उदगाता) |