आवास ऋण सीमा और चुकौती की अवधि में संशोधन – मौद्रिक नीति 2011-12 की दूसरी तिमाही समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
आवास ऋण सीमा और चुकौती की अवधि में संशोधन – मौद्रिक नीति 2011-12 की दूसरी तिमाही समीक्षा
आरबीआई /2011-12 /238 31 अक्तूबर 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी, प्रिय महोदय / महोदया, आवास ऋण सीमा और चुकौती की अवधि में संशोधन – कृपया आवास ऋण में संशोधन पर 15 मई 2008 का हमारा परिपत्र शबैंवि.पीसीबी.परि.सं. 42/09.09.001/08-09 तथा सहकारी समितियो के निबंधको को जारी 5 अप्रैल 1989 के परिपत्र शबैंवि.पी एंड ओ .108/यूबी 31-88/89 का पैरा 4(iii) देखे जिसमें शहरी सहकारी बैंको द्वारा प्रदान आवास ऋण की अधिकतम अनुमत चुकौती अवधि निर्दिष्ट की गई है। 2. मौद्रिक नीति 2011-12 की दूसरी तिमाही समीक्षा में घोषित किए गए अनुसार (पैरा 89 – उद्धरण संलग्न) यह निर्णय लिया गया है कि टीयर I शहरी सहकारी बैंको को एक आवासिय इकाई के प्रति लाभार्थी को अधिकतम 30 लाख रुपये तक तथा टीयर II शहरी सहकारी बैंको को एक आवासिय इकाई के प्रति लाभार्थी को अधिकतम 70 लाख रुपये तक वैयक्तिक आवास ऋण देने की अनुमति दी जाए, जो वर्तमान विवेकपूर्ण एक्सपोजर सीमाओं के अधीन होगी। 3. यह भी निर्णय लिया गया है कि शहरी सहकारी बैंकों द्वारा प्रदान आवास ऋण की अधिकतम चुकौती अवधि (अधिस्थगन या चुकौती छुट्टी की अवधि सहित) वर्तमान 15 साल की अवधि से 20 साल तक बढ़ाई जाए। 4. शहरी सहकारी बैंकों द्वारा आवास ऋण प्रदान करने से संबंधित अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे। भवदीय (ए.उदगाता) मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा 2011-12 का उद्धरण शहरी सहकारी बैंक आवास ऋण की सीमा और चुकौती अवधि में वृद्धि 89. शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) तथा उनके संघों से प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर, यह महसूस किया जा रहा है कि शहरी सहकारी बैंकों द्वारा स्वीकृत किये जा सकनेवाले व्यक्तिगत आवास ऋणों की अधिकतम अनुमत सीमा तथा, साथ ही, ऐसे ऋणों के लिए अधिकतम चुकौती अवधि में वृद्धि करने की जरूरत है। अत: यह प्रस्ताव है कि :
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