बैंकों में अदावी जमाराशियाँ / निष्क्रिय खाते – निष्क्रिय खातों की प्रदर्शन सूची - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों में अदावी जमाराशियाँ / निष्क्रिय खाते – निष्क्रिय खातों की प्रदर्शन सूची
आरबीआई/2014-2015/437 2 फरवरी 2015 सभी स्थानीय क्षेत्र के बैंक महोदय बैंकों में अदावी जमाराशियाँ / निष्क्रिय खाते – निष्क्रिय खातों की प्रदर्शन सूची कृपया जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना, 2014 (योजना) पर 27 मई 2014 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं.डीईएएफ कक्ष बीसी.114/30.01.002/2013-14 तथा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित संबंधित योजना देखें । 2. जनहित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को अदावी जमाराशियाँ / निष्क्रिय खातों के खाताधारकों के पते-ठिकाने ढूँढने में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए । अतएव, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे ऐसी अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों की सूची अपनी संबंधित वेबसाइट पर प्रदर्शित करें, जो दस वर्ष या उससे अधिक समय से अपरिचालित / निष्क्रिय हैं। वेबसाइट पर इस प्रकार प्रदर्शित की गई सूची में अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों के संबंध में केवल खाताधारक (कों) के नाम तथा उनके पते होने चाहिए । यदि ऐसे खाते व्यक्तियों के नाम पर न हों, तो खाता परिचालन करने के लिए प्राधिकृत व्यक्तियों के नाम का भी उल्लेख किया जाए । तथापि, बैंक की वेबसाइट पर खाता संख्या, उसका प्रकार तथा शाखा का नाम प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। बैंक द्वारा इस प्रकार प्रकाशित सूची में “ढूंढें” (find) विकल्प भी दिया जाना चाहिए, ताकि जनता खातों की सूची में से खाताधारक का नाम ढूंढ सके। 3. बैंकों को अपनी वेबसाइट पर अदावी जमाराशियों के लिए दावा करने / निष्क्रिय खातों को सक्रिय बनाने की प्रक्रिया और आवश्यक फॉर्म तथा दावा करने के लिए दस्तावेजों के बारे में जानकारी भी देनी चाहिए । बैंकों से अपेक्षित है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए समुचित परिचालनात्मक सावधानी बरतें कि दावाकर्ता वास्तविक हकदार ही हैं। 4. बैंक 31 मार्च 2015 तक उपर दिए गए अनुसार कार्रवाई पूरी कर लें तथा नियमित अंतराल पर अपनी वेबसाइट को अद्यतन करते रहें। 5. बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे अदावी जमाराशियों के वर्गीकरण शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए शिकायत निवारण प्रणाली; अभिलेख रखना; तथा ऐसे खातों की आवधिक समीक्षा के लिए बोर्ड के अनुमोदन से एक नीति तैयार करें। अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों की पहली आवधिक समीक्षा 31 मार्च 2015 तक संबंधित बैंकों के बोर्ड को प्रस्तुत की जानी चाहिए । भवदीय (ए. के. पाण्डेय) |