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केंद्रीय बजट 2008-09 - कृषि ऋण छूट और ऋण राहत योजना 2008 -आय-निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड

आरबीआइ/2008-09/278
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 78/21.04.048/2008-09

11 नवंबर 2008
20 कार्तिक 1930 (शक)

अध्यक्ष/अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/प्रबंध निदेशक/कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक सहित)
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

केंद्रीय बजट 2008-09 - कृषि ऋण छूट और ऋण राहत योजना 2008 -आय-निर्धारण,
आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड

कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 जुलाई 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 26/ 21.04.048/2008-09 देखें ।

2. इस संबंध में हम सूचित करते हैं कि उपर्युक्त योजना के अंतर्गत भारत सरकार ने दूसरी, तीसरी और चौथी किस्त पर ब्याज अदा करने का निर्णय लिया है, जो 364 दिवसीय भारत सरकार खजाना बिल की विद्यमान परिपक्वता आय दर पर क्रमश: जुलाई 2009, जुलाई 2010 और जुलाई 2011 में देय होगा । इन किस्तों पर ब्याज का भुगतान पहली किस्त की प्रतिपूर्ति की तारीख (अर्थात् नवंबर 2008) से प्रत्येक किस्त की वास्तविक प्रतिपूर्ति की तारीख तक किया जाएगा ।

3. उपर्युक्त को देखते हुए उक्त परिपत्र के पैरा 2.2 से 2.7, 3.2 (क) और 3.4 से 3.8 में निहित अनुदेशों का अधिक्रमण करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि ऋण छूट योजना और ऋण राहत योजना के अंतर्गत आनेवाले खातों के लिए केवल भारत सरकार से प्राप्य राशि के लिए वर्तमान मूल्य (पीवी) के संदर्भ में हानि के लिए बैंकों को कोई प्रावधान करने की आवश्यकता नहीं है । उपर्युक्त परिपत्र की अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित हैं ।

भवदीय

(प्रशांत सरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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