केन्द्रीय बजट 2010-11 -ब्याज में छूट की योजना - वर्ष 2010-11 में अल्पकालीन फसली ऋण पर ब्याज में 1.5 प्रतिशत की और 2 प्रतिशत अतिरिक्त छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
केन्द्रीय बजट 2010-11 -ब्याज में छूट की योजना - वर्ष 2010-11 में अल्पकालीन फसली ऋण पर ब्याज में 1.5 प्रतिशत की और 2 प्रतिशत अतिरिक्त छूट
आरबीआई/2010-11/192 06 सितम्बर 2010 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक महोदय, केन्द्रीय बजट 2010-11 -ब्याज में छूट की योजना - वर्ष 2010-11 में अल्पकालीन फसली ऋण पर ब्याज में 1.5 प्रतिशत की और 2 प्रतिशत अतिरिक्त छूट आपको विदित है कि माननीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2010-11के अपने बजट भाषण (पैरा 52) मे निम्नलिखित घोषणा की थी: "मैंने पिछले बज़ट में उन किसानों की, जो अपने अल्पकालीन फसली ऋणों की निर्धारित सूची के अनुसार चुकौती करेंगे; 1 प्रतिशत अतिरिक्त छूट प्रदान की थी । मैं, फसली ऋणों की समय पर चुकौती करने के लिए वर्ष 2010-11 के लिए इस छूट को 1 प्रतिशत से बढ़ा कर 2 प्रतिशत कर रहा हूँ । इस प्रकार किसानों के लिए वास्तविक रुप से लागू ब्याज दर 5 प्रतिशत वार्षिक होगी ।" 2. इस घोषणा के अनुसरण में भारत सरकार वर्ष 2010-11 के दौरान 3 लाख रुपए तक के अल्पकालीन उत्पादन ऋण के संबंध में सरकारी क्षेत्र के बैंकों को ब्याज में 1.5 प्रतिशत वार्षिक छूट प्रदान करेगी । फसली ऋण की राशि पर छूट की यह गणना ऋण के संवितरण/आहरण की तारीख से किसान द्वारा फसली ऋण की चुकौती की वास्तविक तारीख या उक्त ऋण की चुकौती के लिए उक्त बैंकों द्वारा नियत देय तिथि तक जो भी पहले हो, अधिकतम 1 वर्ष की अवधि के लिए की जाएगी । सरकारी क्षेत्र के बैंकों को यह छूट इस शर्त पर प्रदान की जाएगी कि वे ग्राडण्ड स्तर पर 3 लाख रूपए तक का अल्पकालीन उत्पादन ऋण 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से उपलब्ध कराएं । 3. बैंको को सूचित किया जाता है कि वे वर्ष 2010-11 के दौरान किसानों को 3 लाख रुपए तक के अल्पकालीन उत्पादन ऋण के अपने प्राक्कलन तत्काल प्रस्तुत करें ताकि हम सरकार को छूट की राशि की अनुमानित राशि का आकलन प्रस्तुत कर सकें । कृपया यह नोट करें कि ये प्राक्कलन वास्तविक स्वरुप के होने चाहिए । 4. उपर्युक्त घोषणा के अनुसरण में भारत सरकार त्वरित भुगतान करने वाले उन किसानों के संबंध में जो ऐसे ऋणों के संवितरण/आहरण से एक वर्ष के अंदर अपने अल्पकालीन उत्पादन ऋणों का भुगतान कर देगें; सरकारी क्षेत्र के बैंकों को ब्याज में अतिरिक्त 2 प्रतिशत की छूट भी प्रदान करेगी। उक्त वर्ष के दौरान ली गई 3 लाख रुपए तक की अधिकतम अल्पकालीन उत्पादन ऋण राशि पर यह छूट संवितरण/आहरण की तारीख से किसानो द्वारा उक्त फसली ऋण की चुकौती की वास्तविक तारीख या उक्त फसली ऋण की चुकौती के लिए बैंक द्वारा नियत की गई देय तारीख तक जो भी पहले हो, अधिकतम 1 वर्ष लिए उपलब्ध होगी । सरकारी क्षेत्र के बैंकों को यह अतिरिक्त छूट इस शर्त पर उपलब्ध होगी कि ऐसे किसानों के लिए 3 लाख रुपए तक के अल्पकालीन उत्पादन ऋण पर प्रभावी ब्याज अब दर 5 प्रतिशत वार्षिक हो । 5. बैंक उपर्युक्त योजना का समुचित प्रचार करें ताकि किसान इसके लाभ प्राप्त कर सकें । 6. यह भी सूचित किया जाता है कि: i) ब्याज में 1.5 प्रतिशत की छूट और 2 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट के संबंध में दावे प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय,शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001 को क्रमश: फॉर्मेट I और II में (इसके साथ अनुलग्न) प्रस्तुत किए जाएं । ii) 1.5 प्रतिशत ब्याज की छूट के संबंध में बैंकों से अपेक्षा है कि वे अपने दावे 30 सितम्बर 2010 की और 31 मार्च 2011 की स्थिति के अनुसार छमाही आधार पर प्रस्तुत करें, जिसमें से बाद वाले दावों के साथ 31 मार्च 2010 को समाप्त पूरे वर्ष के छूट के दावों को सत्य एवं सही प्रमाणित करने वाला सांविधिक लेखापरीक्षक का प्रमाण पत्र संलग्न होना चाहिए । वर्ष 2010-11 के दौरान किए संवितरणों के संबंध में शेष दावों को, जिन्हें 31 मार्च 2011 के दावे में शामिल नहीं किया गया हो, प्रथक रूप में समेकित किया जाना चाहिए और "अतिरिक्त दावा’ के रूप में अंकित तथा उसकी सत्यता को प्रमाणित करते हुऐ सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा लेखापरीक्षित उक्त दावे 30 अप्रैल 2012 तक प्रस्तुत कर दिए जाने चाहिए । iii) 2 प्रतिशत छूट के संबंध में बैंक, पूरे 2010-11 वर्ष के दौरान किए गए संवितरणों के उनकी सत्यता को प्रमाणित करते हुए सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत लेखापरीक्षित अपने एक बारगी दावे अधिकतम 30 अप्रैल 2012 तक प्रस्तुत करें । 7. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी संस्थाओं के संबंध में नाबार्ड द्वारा अलग से परिपत्र जारी किया जाएगा । भवदीय (बी.पी.विजयेंद्र) अनुलग्नक : |