केन्द्रीय बजट 2012-13 - ब्याज में छूट ( सबवेंशन) की योजना - वर्ष 2012-13 में अल्पावधि फसल ऋणों पर ब्याज में 2 प्रतिशत की और 3 प्रतिशत अतिरिक्त छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
केन्द्रीय बजट 2012-13 - ब्याज में छूट ( सबवेंशन) की योजना - वर्ष 2012-13 में अल्पावधि फसल ऋणों पर ब्याज में 2 प्रतिशत की और 3 प्रतिशत अतिरिक्त छूट
भारिबैं/2012-13/228 28 सितंबर 2012 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक महोदय, केन्द्रीय बजट 2012-13 - ब्याज में छूट ( सबवेंशन) की योजना - वर्ष 2012-13 में आप जानते ही हैं कि माननीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2012-13 के अपने बजट भाषण (पैरा 80) में निम्नलिखित घोषणा की थी: " किसानों को 7 प्रतिशत वार्षिक के ब्याज पर अल्पावधि ऋण प्रदान करने के लिए ब्याज छूट (सबवेंशन) योजना वर्ष 2012-13 में जारी बनी रहेगी। त्वरित भुगतान करनेवाले किसानों को तीन प्रतिशत की अतिरिक्त छूट उपलब्ध होगी। इसके अलावा परक्राम्य गोदाम रसीद की जमानत पर छः माह तक के लिए फसल-उपरांत ऋणों पर भी इसी के समान ब्याज (सबवेंशन) छूट उपलब्ध होगी। इससे किसानों को अपनी उपज को गोदामों में रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। " 2. इस घोषणा के अनुसरण में भारत सरकार वर्ष 2012-13 के दौरान 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि उत्पादन ऋण के संबंध में सरकारी क्षेत्र के बैंकों को ब्याज में 2 प्रतिशत वार्षिक छूट प्रदान करेगी । फसल ऋण की राशि पर छूट की इस राशि की गणना ऋण के संवितरण/आहरण की तारीख से किसान द्वारा फसली ऋण की चुकौती की वास्तविक तारीख या उक्त ऋण की चुकौती के लिए उक्त बैंकों द्वारा निर्धारित देय तिथि तक जो भी पहले हो, जो अधिकतम 1 वर्ष की अवधि के लिए की जाएगी । सरकारी क्षेत्र के बैंकों को यह छूट इस शर्त पर प्रदान की जाएगी कि वे आधार स्तर पर 3 लाख रूपए तक का अल्पकालीन उत्पादन ऋण 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से उपलब्ध कराएं । 3. इसके अलावा भारत सरकार त्वरित भुगतान करने वाले उन किसानों के संबंध में जो ऐसे ऋणों के संवितरण/आहरण से एक वर्ष के अंदर अपने अल्पावधि उत्पादन ऋणों का भुगतान कर देगें। सरकारी क्षेत्र के बैंकों को ब्याज में अतिरिक्त 3 प्रतिशत की छूट भी प्रदान करेगी। उक्त वर्ष के दौरान ली गई अधिकतम 3 लाख रुपए तक की राशि पर यह छूट संवितरण/आहरण की तारीख से किसानों द्वारा उक्त फसल ऋण की चुकौती की वास्तविक तारीख से बैंक द्वारा उक्त फसल ऋण की चुकौती के लिए निर्धारित देय तारीख तक जो भी पहले हो, उपलब्ध होगी जो संवितरण की तारीख से अधिकतम 1 वर्ष की शर्त पर है। सरकारी क्षेत्र के बैंकों को यह अतिरिक्त छूट इस शर्त पर उपलब्ध होगी कि ऐसे किसानों के लिए 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि उत्पादन ऋण पर प्रभावी ब्याज दर अब 4 प्रतिशत वार्षिक हो । यह लाभ उन किसानों को प्राप्त नहीं होगा जो ऐसे ऋण लेने के एक वर्ष के बाद चुकौती करेंगे। 4. पिछले वर्ष (2011-12) की तरह ही किसान क्रेडिट कार्ड रखने वाले छोटे और सीमांत किसानों को फसल उपरांत छः माह तक की अतिरिक्त अवधि के लिए ब्याज में उक्त छूट के लाभ उसी दर पर उपलब्ध होंगे जो गोदाम में उनके उत्पाद रखने के लिए परक्राम्य गोदाम रसीद की जमानत पर फसल ऋण के लिए उपलब्ध है। 5. बैंक उपर्युक्त योजना का समुचित प्रचार करें ताकि किसान इसके लाभ प्राप्त कर सकें । 6. यह भी सूचित किया जाता है कि: i) ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट और 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट के संबंध में दावे मुख्य महाप्रबंधक, ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय,शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001 को क्रमश: फॉर्मेट I और II में (इसके साथ संलग्न) प्रस्तुत किए जाएं । ii) 2 प्रतिशत ब्याज की छूट के संबंध में बैंकों से अपेक्षा है कि वे अपने दावे 30 सितम्बर 2012 की और 31 मार्च 2013 की स्थिति के अनुसार छमाही आधार पर प्रस्तुत करें, जिसमें से बाद वाले दावों के साथ 31 मार्च 2013 को समाप्त पूरे वर्ष के छूट के दावों को सत्य एवं सही प्रमाणित करने वाला सांविधिक लेखापरीक्षक का प्रमाण पत्र संलग्न होना चाहिए । वर्ष 2012-13 के दौरान किए जानेवाले संवितरणों के संबंध में शेष दावों को, जिन्हें 31 मार्च 2013 के दावे में शामिल नहीं किया गया हो, पृथक रूप में समेकित किया जाना चाहिए और "अतिरिक्त दावा" के रूप में अंकित तथा उसकी सत्यता को प्रमाणित करते हुए सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा लेखा-परीक्षित उक्त दावे 30 अप्रैल 2014 तक प्रस्तुत कर दिए जाने चाहिए । iii) 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट के संबंध में बैंक, पूरे 2012-13 वर्ष के दौरान किए गए संवितरणों के संबंध में सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा सत्यता को प्रमाणित किए गए विधिवत लेखापरीक्षित अपने एक बारगी समेकित दावे 30 अप्रैल 2014 तक प्रस्तुत करें । 7. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी संस्थाओं के संबंध में नाबार्ड द्वारा अलग से परिपत्र जारी किया जाएगा । भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) अनुलग्नक : दो |