केंद्रीय बजट - 2014-15 ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
केंद्रीय बजट - 2014-15 ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना
आरबीआई/2014-15/417 21 जनवरी 2015 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक महोदय/महोदया केंद्रीय बजट - 2014-15 ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना भारत सरकार द्वारा यथा निदेशित और वित्त मंत्री महोदय द्वारा ब्याज सबवेंशन योजना 2014-15 के संबंध में की गई बजट घोषणा के अनुसरण में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को (उनकी ग्रामीण और अर्ध शहरी शाखाओं द्वारा दिए गए ऋणों के संबंध में) अपनी स्वाधिकृत निधियों पर प्रति किसान 3,00,000/- रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋणों के लिए 2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सबवेंशन उपलब्ध कराया जाएगा, बशर्ते कि उक्त ऋण देनेवाली संस्थाएं किसानों को आधार स्तर पर 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराती हैं। फसल ऋण राशि पर ब्याज सबवेंशन की उक्त राशि की गणना उसके वितरण/आहरण की तारीख से किसानों द्वारा वास्तव में ऋण चुकाने की तारीख अथवा बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण की नियत तारीख, इनमें से जो भी पहले हो, तक की जाएगी, जो अधिकतम एक वर्ष की अवधि की शर्त पर होगी। 2. इसके अलावा, शीघ्र भुगतान करनेवाले किसानों को फसल ऋण के वितरण की तारीख से किसानों द्वारा वास्तव में ऋण चुकाने की तारीख अथवा बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण की चुकौती की नियत तारीख, इनमें से जो भी पहले हो, तक 3 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन उपलब्ध होगा जो वितरण की तारीख से अधिकतम एक वर्ष की अवधि की शर्त पर होगा। इसका यह भी आशय है कि शीघ्र भुगतान करनेवाले किसानों को वर्ष 2014-15 के दौरान 4 प्रतिशत वार्षिक की दर पर अल्पावधि फसल ऋण प्राप्त होगा। यह लाभ ऐसा ऋण प्राप्त करने के एक वर्ष के बाद चुकौती करनेवाले किसानों को नहीं मिलेगा। 3. किसानों द्वारा मजबूरन बिक्री को हतोत्साहित करने और गोदाम रसीदों की जमानत पर अपने उत्पाद गोदाम में रखने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करने की दृष्टि से ब्याज सबवेंशन का लाभ ऐसे छोटे और सीमांत कृषकों जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है, को फसलोपरांत छ: महीनों की अतिरिक्त अवधि के लिए भी उपलब्ध रहेगा जो अपने उत्पाद गोदामों में रखने के लिए परक्राम्य (निगोशिएबल) गोदाम रसीदों की जमानत पर फसल ऋण के लिए उपलब्ध दर की समान दर पर होगा। 4. प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को सहायता उपलब्ध करने के लिए पुन: संरचित राशि पर बैंकों को पहले वर्ष के लिए दो प्रतिशत का ब्याज सबवेंशन मिलना जारी रहेगी। रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार ऐसे पुन: संरचित ऋणों पर दूसरे वर्ष से सामान्य ब्याज दर लागू होगी। 5. बैंक उक्त योजना का पर्याप्त प्रचार करें ताकि किसान लाभ प्राप्त कर सकें। 6. निम्नानुसार यह भी सूचित किया जाता है कि:- i) 2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन और 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन के संबंध में दावे क्रमश: फार्मेट I और II (इसके साथ संलग्न) में मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001 को प्रस्तुत किए जाए। ii) 2 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन के संबंध में बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने दावे 30 सितम्बर 2014 और 31 मार्च 2015 को छमाही आधार पर प्रस्तुत करें, 31 मार्च 2015 के दावों के साथ सांविधिक लेखा परीक्षक का प्रमाणपत्र होना जरूरी है जिसमें प्रमाणित किया गया हो कि 31 मार्च 2015 को समाप्त पूरे वर्ष के लिए सबवेंशन के दावे सत्य और सही हैं। वर्ष 2014-15 के दौरान किए गए वितरणों से संबंधित किसी शेष दावे जिसे 31 मार्च 2015 के दावों में शामिल नहीं किया गया है, को अलग से समेकित किया जाए और उसे 'अतिरिक्त दावा' के रूप में अंकित किया जाए और इस दावे की परिशुद्धता प्रमाणित करते हुए सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत लेखा परीक्षित करके प्रस्तुत किया जाए। iii) 3 प्रतिशत अतिरिक्त सबवेंशन के संबंध में, बैंक 2014-15 के पूरे वर्ष के दौरान किए गए वितरणों से संबंधित एकबारगी समेकित दावे 30 अप्रैल 2016 तक प्रस्तुत करें जो परिशुद्धता प्रमाणित करते हुए सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत लेखा परीक्षित हों। भवदीया (माधवी शर्मा) वर्ष 2014-15 के लिए 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋणों पर बैंक का नाम _____________________________________________________ सितम्बर 2014 / मार्च 2015 को समाप्त
हम प्रमाणित करते हैं कि हमने वर्ष 2014-15 के दौरान किसानों को अल्पावधि उत्पादन ऋण के रूप में 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर 3 लाख रुपए तक के उपर्युक्त ऋण वितरित किए हैं। प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता (दावे के इस फार्मेट को सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा उनकी फर्म की पंजीकरण संख्या और सभी हस्ताक्षरकर्ताओं की सदस्यता संख्या के साथ विधिवत प्रमाणित करना जरूरी है।) वर्ष 2014-15 में वितरित 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि फसल ऋणों बैंक का नाम _____________________________________________________
हम प्रमाणित करते हैं कि उपर्युक्त ऋण जिनके लिए दावा किया जा रहा है, उनकी चुकौती समय पर की गई थी और 3 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन सबवेंशन का लाभ खाता धारकों को पहले ही दिया गया है, जिससे वर्ष 2014-15 के दौरान ऐसे किसानों को वितरित 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि उत्पादन ऋण के लिए ब्याज दर घटाकर 4 प्रतिशत वार्षिक की गई है। प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता (दावे के इस फार्मेट को सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा उनकी फर्म की पंजीकरण संख्या और सभी हस्ताक्षरकर्ताओं की सदस्यता संख्या के साथ विधिवत प्रमाणित करना जरूरी है।) |