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एटीएम का उपयोग - नि: शुल्क लेनदेन की संख्या का यौक्तिकीकरण

आरबीआई/2014-15/179
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.संख्या.316/02.10.002/2014-2015

14 अगस्त 2014

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक /
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक

महोदय / महोदया

एटीएम का उपयोग - नि: शुल्क लेनदेन की संख्या का यौक्तिकीकरण

मार्च 2007 के अंत की स्थिति के अनुसार ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) की संख्या जो 27,000 से थोड़ी ज्यादा थी, वह मार्च 2014 के अंत में बढ़कर देश भर में 1.6 लाख से अधिक हो गई है। बैंकों द्वारा एटीएमों को धीरे-धीरे अपने ग्राहकों को अन्य वित्तीय और गैर-वित्तीय उत्पादों को उपलब्ध कराने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। इसी दौरान देश में एटीएम के घनत्व को बढ़ाने के लिए एवं ग्रामीण और अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में एटीएम के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के उद्देश्य से व्हाइट लेबल एटीएम (डबल्यूएलए) आरंभ किए गए हैं। तथापि, इस वृद्धि के बावजूद, देश में एटीएमों एवं पीओएस (POS) के बुनियादी ढांचे की मौजूदगी एकतरफा है क्योंकि ये ग्रामीण और अर्द्ध शहरी क्षेत्रों की तुलना में महानगर और शहरी क्षेत्रों में काफी व्यापक हैं।

2. हाल ही में, कुछ बैंकों एवं भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने अन्य बैंक के एटीएम पर नि:शुल्क लेनदेन के संबंध में मौजूदा अनुदेशों में परिवर्तन किए जाने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क किया। एक ओर एटीएम लगाने की बढ़ती लागत एवं इनके रखरखाव पर बैंकों द्वारा किए जाने वाले खर्च एवं साथ ही इन नि:शुल्क लेनदेनों के कारण बढ़ते हुए इंटरचेंज व्यय का संदर्भ देते हुए आईबीए ने देश में महानगरों में एवं अन्य बड़े शहरों में अन्य बैंक के एटीएम से नि:शुल्क लेनदेन को समाप्त करने की मांग की थी।

3. इस संबंध में एटीएम के उपयोग पर सेवा प्रभारों के उद्ग्रहण से संबन्धित हमारे दिनांक 10 मार्च 2008 के परिपत्र डीपीएसएस सं.1405/02.10.02/2007-2008 एवं साथ ही दिनांक 31 अगस्त 2009 के आईबीए के परिपत्र सं.सीई.आरबी 1-एटीएम/1284 का संदर्भ लें। हमारे दिनांक 27 मई 2011 के परिपत्र डीपीएसएस पीडी सं. 2632/02.10.002/2010-2011 का भी संदर्भ लें जिसमें अन्य बातों के साथ – साथ यह भी उल्लेख है कि, अन्य बैंक के एटीएम पर प्रति माह पाँच नि:शुल्क लेनदेनों (वित्तीय एवं गैर वित्तीय लेनदेनों सहित) की अनुमति है।

4. देश में एटीएम की मौजूदगी एवं साथ ही साथ वैकल्पिक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता एवं उन तक लोगों की पहुँच का विश्लेषण करने के पश्चात यह निर्णय लिया गया है कि मौजूदा निर्देशों को निम्नलिखित अनुसार संशोधित किया जाए:

क) एटीएम, बैंक शाखाओं एवं ग्राहकों के लिए उपलब्ध भुगतान के वैकल्पिक साधनों को देखते हुए बचत बैंक खाता ग्राहकों के छह मेट्रो केन्द्रों अर्थात मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलूर और हैदराबाद में स्थित अन्य बैंकों के एटीएम पर मुफ्त लेनदेन की संख्या को मौजूदा पाँच से घटाकर तीन कर दिया गया है (वित्तीय एवं गैर वित्तीय लेनदेनों सहित)। तथापि, यदि कोई बैंक अपने खाता धारकों को अन्य बैंक के एटीएम पर तीन से ज्यादा नि:शुल्क लेनदेन करने की अनुमति देता है तो इस संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं है।

ख) तथापि, नि:शुल्क लेनदेन की संख्या में की गई यह कमी छोटे / नो फ्रिल्स/बेसिक बचत बैंक जमा खाता धारकों पर लागू नहीं होगी और उन्हें पहले की ही तरह पाँच नि:शुल्क लेनदेन उपलब्ध होंगे।

ग) अन्य स्थानों पर अर्थात ऊपर उल्लेख किए गए छह मेट्रो केन्द्रों के अलावा, बचत बैंक खाता ग्राहकों के लिए पांच नि:शुल्क लेनदेनों की मौजूदा सुविधा में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

घ) एटीएम स्थापित करने वाले बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि वे प्रत्येक एटीएम पर यथोचित साधनों (एटीएम पर प्रदर्शित संदेश / स्टीकर / पोस्टर आदि) के माध्यम से स्पष्ट रूप से यह बताएं कि वह एटीएम 'मेट्रो' या 'गैर मेट्रो' स्थान में स्थित है ताकि ग्राहक नि:शुल्क लेनदेन की संख्या के संबंध में एटीएम की स्थिति की पहचान कर सके। इसके अलावा, बैंकों कों सूचित किया जाता है कि वे अपने एटीएम डेटाबेस में इस बात कों सुनिश्चित करें कि "एटीएम स्थिति पहचानकर्ता" सही हैं या नहीं एवं उन्हें हमेशा अद्यतन रखा जाता है या नहीं ताकि यदि इस संबंध में कोई विवाद हों तो उन्हें कम किया जा सके।

ङ) जारी करने वाले बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे इस प्रकार के लेनदेनों पर नजर रखने के लिए एक उचित तंत्र की स्थापना करें और इस बात को सुनिश्चित करें कि इस संबंध में ग्राहकों को कोई असुविधा अथवा शिकायत न हो।

च) स्वयं के बैंक के एटीएम के इस्तेमाल पर प्रभार लगाने के संबंध में प्रावधानों की भी समीक्षा हमारे दिनांक 10 मार्च 2008 के परिपत्र के अंतर्गत की गई है। तदनुसार, बैंकों को सूचित किया जाता है कि सभी स्थानों पर स्वयं के बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करने पर बचत बैंक खाता धारकों को प्रति माह कम से कम पाँच नि:शुल्क लेनदेन (वित्तीय एवं गैर वित्तीय लेनदेनों सहित) करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके अलावा, बैंक स्वयं के बैंक के एटीएम के उपयोग के लिए ग्राहकों से लिए जाने वाले प्रभार से संबन्धित बोर्ड द्वारा अनुमोदित उपयुक्त नीति ला सकते हैं।

छ) ग्राहक प्रभारों पर प्रति लेनदेन 20 रुपये (सेवा कर अलग से, यदि कोई हो) की अधिकतम सीमा/उच्चतम सीमा लागू होगी।

ज) बैंको को सूचित किया जाता है कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि एटीएम लेनदेन से संबन्धित प्रभार संबंधी संरचना जो उसके बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार हो, को ग्राहकों को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सूचित किया जाए।

झ) इसके अलावा बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे ग्राहकों को माह के दौरान उपयोग किए जा चुके नि:शुल्क लेनदेन (ऑफ-अस एवं साथ ही साथ ऑन-अस) की संख्या और प्रभार संबंधी बैंक की नीति के अनुसार उद्ग्रहण किए जा सकने वाले प्रभारों की संभावना के बारे में ग्राहकों को चेतावनी/सलाह/सतर्क करने के लिए यथोचित तंत्र की स्थापना करें।

5. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत जारी किया गया है।

6. यह निर्देश 1 नवंबर, 2014 से प्रभावी होगा।

7. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें।

भवदीय

(विजय चुग)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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