भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन
आरबीआइ/2007-08/376
आरपीसीडी.केका.आरएफ.बीसी. सं. 79/07.02.03/2007-08
23 जून 2008
अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक
सभी राज्य और केद्रीय सहकारी बैंक
महोदय
भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन
कृपया "बैंकों के निवेश संविभाग प्रतिभूतियों में लेन-देन" पर दिनांक 23 मई 1995 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.सं.बीसी. 154/07.02.08/1994-95 देखें —
2. ऐसा देखा गया है कि भारत सरकार ने पिछले कई वर्षों से समय-समय पर ऐसी अनेक विशेष प्रतिभूतियाँ जारी की हैं जो राज्य / केद्रीय सहकारी बैंकों की एसएलआर अपेक्षाओं के अनुपालन के प्रयोजन के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसी सरकारी प्रतिभूतियों पर अलग निबंधन और शर्तें लागू हैं तथा इनमें गैर-चलनिधि स्प्रेड उच्चतर रहता है । वर्तमान में ऐसी गैर-एसएलआर ऋण प्रतिभूतियों के मूल्यांकन के संबंध में फिम्मडा द्वारा जारी दिशानिर्देशों में यह प्रावधान है कि ऐसी प्रतिभूतियों का मूल्यांकन भारत सरकार प्रतिभूतियों के तदनुरूप प्रतिफल पर 50 आधार अंकों का ‘मार्क-अप’ लागू कर किया जाए ।
3. ऐसी विशेष प्रतिभूतियों के मूल्यांकन के मुद्दे की जाँच की गयी है। यह निर्णय लिया गया है कि मूल्यांकन के सीमित प्रयोजन के लिए, भारत सरकार द्वारा सीधे लाभार्थी संस्थाओं को जारी सभी विशेष प्रतिभूतियों, जिन्हें एसएलआर का दर्जा नहीं है, का मूल्यांकन भारत सरकार प्रतिभूतियों के तदनुरूपी प्रतिफल के ऊपर 25 आधार अंक स्प्रेड पर किया जाएगा। यह संशोधन वित्तीय वर्ष 2008-09 से लागू होगा।
4. यह नोट किया जाए कि वर्तमान में ऐसी विशेष प्रतिभूतियों में निम्नलिखित शामिल हैं : तेल बांड, उर्वरक बांड, भारतीय स्टेट बैंक को जारी बांड (हाल ही के अधिकार निर्गम के दौरान) ,भारतीय यूनिट ट्रस्ट, आइएफसीआइ लिमिटेड, भारतीय खाद्य निगम, भारतीय औद्योगिक निवेश बैंक लिमिटेड, पूर्ववर्ती भारतीय औद्योगिक विकास बैंक और पूर्ववर्ती जहाजरानी विकास वित्त निगम को जारी बांड।
भवदीय
( जी.श्रीनिवासन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
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