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लघु वित्त बैंकों का सार्वभौमिक बैंकों में स्वैच्छिक परिवर्तन

आरबीआई /2024-25/28
विवि.एलआईसी.आरईसी.20/16.13.218/2024-25

26 अप्रैल 2024

सभी लघु वित्त बैंक

महोदया/ महोदय,

लघु वित्त बैंकों का सार्वभौमिक बैंकों में स्वैच्छिक परिवर्तन

कृपया 05 दिसंबर 2019 के "निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों के 'ऑन-टैप' लाइसेंसिंग के लिए दिशानिर्देश" का पैराग्राफ 14 देखें,  जो कि लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) बैंकों में परिवर्तित होने के लिए एक परिवर्तन पथ प्रदान करता है। इस तरह का रूपांतरण एसएफबी द्वारा यूनिवर्सल बैंकों पर लागू न्यूनतम भुगतान पूंजी/निवल मूल्य की आवश्यकता को पूरा करने,  न्यूनतम पांच वर्षों की अवधि के लिए एसएफबी के रूप में कार्यनिष्पादन का संतोषजनक ट्रैक रिकॉर्ड और आरबीआई के समुचित सावधानी कार्यप्रणाली के अधीन होगा।

2. यह अनुदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22 (1) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।

प्रारंभ

3. परिपत्र में निहित प्रावधान इस परिपत्र की तारीख से प्रभावी होंगे।

प्रयोज्यता

4. यह परिपत्र सभी लघु वित्त बैंकों पर लागू है।

प्रावधान

5. बेहतर स्पष्टता लाने के उद्देश्य से, एसएफबी के लिए यूनिवर्सल बैंक में परिवर्तन के लिए पात्रता मानदंड अब इस प्रकार होंगे:

   क) अनुसूचित बैंक दर्ज़ा तथा न्यूनतम पांच वर्षों की अवधि के कार्यनिष्पादन का संतोषजनक ट्रैक रिकॉर्ड;
   ख) बैंक के शेयर किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने चाहिए;
   ग) पिछली तिमाही (लेखापरीक्षित) के अंत में न्यूनतम निवल मालियत ₹1,000 करोड़ होनी चाहिए;
   घ) एसएफबी के लिए निर्धारित सीआरएआर आवश्यकताओं को पूरा किया जाना चाहिए;
   ङ) पिछले दो वित्तीय वर्षों में निवल लाभ रहा हो; और
   च) पिछले दो वित्तीय वर्षों में जीएनपीए और एनएनपीए क्रमशः 3 प्रतिशत और 1 प्रतिशत से कम या उसके बराबर हो।

6. शेयरधारिता पैटर्न के संबंध में निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी:

   क) किसी पात्र एसएफबी के लिए पहचाने किए गए प्रवर्तक की कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, पात्र एसएफबी के विद्यमान प्रवर्तक, यदि कोई हों, यूनिवर्सल बैंक में परिवर्तन होने पर प्रवर्तक बने रहेंगे।
   ख) यूनिवर्सल बैंक में परिवर्तन के दौरान पात्र एसएफबी के लिए नए प्रवर्तकों को शामिल करने अथवा प्रवर्तकों में बदलाव की अनुमति नहीं दी जाएगी।
   ग) परिवर्तित यूनिवर्सल बैंक में विद्यमान प्रवर्तकों के लिए न्यूनतम शेयरधारिता की कोई नई अनिवार्य लॉक-इन आवश्यकता नहीं होगी।
   घ) रिज़र्व बैंक द्वारा पहले से अनुमोदित प्रवर्तक शेयरधारिता विलयन (dilution) योजना में कोई बदलाव नहीं होगा।
   ङ) विविध ऋण पोर्टफोलियो वाले पात्र एसएफबी को प्राथमिकता दी जाएगी।

7. पात्र एसएफबी द्वारा ऐसे परिवर्तन के लिए एक विस्तृत तर्क प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। एसएफबी से यूनिवर्सल बैंक में परिवर्तन के लिए आवेदन का मूल्यांकन दिनांक 01 अगस्त 2016 के निजी क्षेत्र में यूनिवर्सल बैंकों के 'ऑन टैप' लाइसेंसिंग के लिए यथा प्रयोज्य दिशानिर्देश और दिनांक 16 जनवरी 2023 को जारी, समय-समय पर संशोचित, भारतीय रिज़र्व बैंक (बैंकिंग कंपनियों में शेयरों अथवा वोटिंग अधिकारों का अधिग्रहण और होल्डिंग) निदेश के अनुसार किया जाएगा।  इसके अलावा, परिवर्तन पर बैंक उक्त दिशानिर्देशों के अनुसार एनओएफएचसी संरचना (जो भी लागू हो) सहित सभी मानदंडों के अधीन होगा।

8. पात्र एसएफबी द्वारा यूनिवर्सल बैंक में परिवर्तन के लिए बैंकिंग विनियमन (कंपनी) नियम, 1949 के नियम 11 के संदर्भ में निर्धारित फॉर्म (फॉर्म III) में अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 12वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई - 400001 में प्रेषित कर सकते है।

भवदीय,

(मनोरंजन पाढ़ी)
मुख्य महाप्रबंधक

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