भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की 616वीं बैठक - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की 616वीं बैठक
भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की 616वीं बैठक आज मुंबई में गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की, जिसमें संभावना के लिए जोखिम भी शामिल हैं। बोर्ड ने अप्रैल 2024-मार्च 2025 के दौरान रिज़र्व बैंक के कामकाज पर भी चर्चा की और वर्ष 2024-25 के लिए रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों को मंजूरी दी। वर्ष (2024-25) के लिए अंतरित की जाने वाली अधिशेष को संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचा (ईसीएफ), जिसे केंद्रीय बोर्ड ने 15 मई 2025 को आयोजित अपनी बैठक में अनुमोदित किया था, के आधार पर निर्धारित किया गया है। संशोधित ढांचे में यह प्रावधान किया गया है कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के अंतर्गत जोखिम संबंधी प्रावधानीकरण को भारतीय रिज़र्व बैंक के तुलन-पत्र के 7.50 से 4.50 प्रतिशत की सीमा के भीतर बनाए रखा जाएगा। लेखा वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान, मौजूदा समष्टि-आर्थिक स्थितियों और कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण, बोर्ड ने संवृद्धि और समग्र आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सीआरबी को रिज़र्व बैंक के तुलन-पत्र के आकार के 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सीआरबी को बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6.50 प्रतिशत कर दिया गया। संशोधित ईसीएफ के आधार पर और समष्टि-आर्थिक मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय बोर्ड ने सीआरबी को और बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। इसके बाद बोर्ड ने लेखा वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में ₹2,68,590.07 करोड़ के अंतरण को मंजूरी दी। उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर, श्री स्वामीनाथन जे., डॉ. पूनम गुप्ता और केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक - श्री अजय सेठ, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग, श्री नागराजू मद्दिराला, सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, श्री सतीश के. मराठे, श्रीमती रेवती अय्यर, प्रो. सचिन चतुर्वेदी, श्री पंकज रमणभाई पटेल और डॉ. रवींद्र एच. ढोलकिया - बैठक में शामिल हुए। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/399 |