एसीयू सदस्यों की भुगतान और निपटान प्रणालीमज़बूत बनाने की मांग - आरबीआई - Reserve Bank of India
एसीयू सदस्यों की भुगतान और निपटान प्रणालीमज़बूत बनाने की मांग
एसीयू सदस्यों की भुगतान और निपटान प्रणाली
मज़बूत बनाने की मांग
16 जून 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बेंगलूर में एशियाई समाशोधन यूनियन (एसीयू) की 32वीं बोड़ बैठक की मेजबानी की। बांग्लादेश, भूटान, भारत, ईरान, म्यानमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के केंद्रीय बैंक गवर्नर बैठक में सहभागी हुए। सेंट्रल बैंक ऑफ थाइलैंड के वरिष्ठ स्तर के दो अधिकारी भी प्रेक्षक के रूप में मौजूद थे।
वर्ष 1974 में गठित एशियाई समाशोधन यूनियन के इस समय आठ सदस्य हैं, वे हैं बांग्लादेश, भूटान, भारत, ईरान, म्यानमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका, जिसका मुख्यालय तेहरान में है। एसीयू की बोड़ बैठक सदस्य देशों में वार्षिक रूप से बारी-बारी से आयोजित की जाती है। चालू खाता भुगतानों का बहुपक्षीय व्यवस्थापन, विदेशी मुद्रा बनाये रखना (कन्ज़र्वेशन) मौद्रिक संवर्धन (प्रमोशन), केंद्रीय बैंकों के बीच समन्वयन (को-ऑपरेशन), सदस्य देशों की बैंकिंग प्रणालियों के बीच बेहतर संबंध बनाना तथा करेंसी स्वैप व्यवस्थाओं का प्रावधान करना एसीयू के उद्देश्य हैं।
अपने नेमी कारोबार के अलावा बैठक में एसीयू की भावी भूमिका की भी समीक्षा की गयी। व्यापार संवर्धन और आर्थिक समन्वयन के लिए अनेक समूहों के गठन सहित क्षेत्र में होने वाली विभिन्न गतिविधियों के संदर्भ में यह आवश्यक समझा गया। एसीयू के सदस्यों की समिति ने ईएससीएपी/यूएनसीटीएडी की सहायता से एसीयू की भूमिका की समीक्षा की। समिति ने सुझाव दिये थे कि (क) सीमा पार लेनदेनों के भुगतान और निपटान पर एसीयू की प्रणाली का ध्यान केंद्रीकृत होना जारी रहे, (ख) पड़ोसी देशों को एसीयू में शामिल होने के लिए राज़ी कर लेना चाहिए, (ग) वित्तीय लेनदेनों संबंधी संदेश भेजने के लिए सभी सदस्य देशों को स्विफ्ट प्रणाली का इस्तेमाल करने के लिए समझाया जाए, (घ) शीघ्र जोखिम मुक्त समाशोधन और एसीयू लेनदेन आसान बनाने के लिए एसीयू के सदस्य देश एक केंद्रीय समाशोधन गृह के गठन का लक्ष्य निश्चित करें, (ङ) एसीयू संबंधी कार्य से संबद्ध व्ययों को पूरा करने में एसीयू सचिवालय की सहायता के लिए निधि का गठन करें, (च) एसीयू की प्रणाली के अंतर्गत निर्यातकों के भुगतान में होनेवाले विलंब को निर्धारित क्रियाविधि का कड़ाई से अनुपालन करके सदस्य देशों के बैंकों द्वारा दूर किया जा सकता है। केंद्रीय बैंक को इस संबंध में स्थिति का प्रभावशाली रूप से निरीक्षण करना होगा। (छ) एसीयू प्रणाली के अंतर्गत भुगतान के लिए अमेरिकी डॉलर के अलावा दूसरी करेंन्सियों को शामिल किया जाये, (ज) क्षेत्र में भुगतान और निपटान के लिए एसीयू प्रणाली को वरीय व्यवस्था बनाने के लिए क्षेत्र के लिए इंटीग्रेटेड रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट गठित करने हेतु एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाने पर विचार किया जाये, जिसकी शुरुआत केंद्रीय समाशोधन गृह से हो।
कैलेण्डर वर्ष 2004 के लिए बैठक में ईरान के गवर्नर को एसीयू के अध्यक्ष के रूप में तथा सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर को उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया। इससे पूर्व हर सदस्य देश ने अपनी मौद्रिक और आर्थिक स्थितियों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण पेश किया।
एसीयू की अगली बैठक तेहरान में आयोजित की जायेगी।
पी. वी. सदानंदन
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2002-2003/1283