सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियां और सकल बैंक ऋण :तिमाही पुस्तिका : सितंबर 2001 के अंतिम शुक्रवार तक की स्थिति - आरबीआई - Reserve Bank of India
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियां और सकल बैंक ऋण :तिमाही पुस्तिका : सितंबर 2001 के अंतिम शुक्रवार तक की स्थिति
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियां और सकल बैंक ऋण :तिमाही पुस्तिका : सितंबर 2001 के अंतिम शुक्रवार तक की स्थिति
23 जनवरी 2002
‘बैंकिंग सांख्यिकी : तिमाही पुस्तिका : सितंबर 2001’ में सितंबर 2001 के अंतिम शुक्रवार तक के अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण संबंधी आंकड़े प्रस्तुत किये गये हैं। आंकड़े सर्वोच्च सौ केंद्रों, जनसंख्या समूहों, जिलों, राज्यों और बैंक समूहों के अनुसार प्रस्तुत किये गये हैं। प्रारंभिक आंकड़े अनुसूचित वाणिज्य बैंकों से बीएसआर-7 विवरणी के माध्यम से इकट्ठा किये गये हैं।
जमाराशियों के आकार के अनुसार रखे गये सौ सर्वोच्च केंद्रों का कुल जमाराशियों में 58.9 प्रतिशत का हिस्सा रहा। उसी प्रकार, बैंक ऋण के आकार के अनुसार रखे गये सर्वोच्च सौ केंद्रों का कुल बैंक ऋण में 75.3 प्रतिशत हिस्सा रहा।
एक समूह के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल जमाराशियों के 53.4 प्रतिशत जमाराशियों का योगदान दिया, जबकि भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों ने 24.8 प्रतिशत का हिस्सा बनाया। सकल जमाराशियों में अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का 12.4 प्रतिशत, विदेशी बैंकों का 5.4 प्रतिशत और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का 4.0 प्रतिशत हिस्सा रहा। सकल बैंक ऋण के मामले में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल बैंक ऋणों के 48.3 प्रतिशत का हिस्सा बनाया, जबकि भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों ने 28.8 प्रतिशत के हिस्से का दावा किया। अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का हिस्सा क्रमश: 11.9 प्रतिशत, 8.0 प्रतिशत और 2.9 प्रतिशत रहा।
तिमाही पुस्तिका के दिसंबर 2000 के अंक से तीन नये राज्यों, अर्थात् - झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तरांचल के संबंध में बैंकिंग सांख्यिकी की रिपोर्ट की गयी है। इन राज्यों की राज्य-वार वृद्धि दरें, जमाराशियों का योगदान और ऋण संबंधी आंकड़े प्राप्त किये गये हैं और यह देखा गया है कि राज्यों/संघशासित क्षेत्रों में, जमाराशियों की वार्षिक (बिंदु-दर-बिंदु) वृद्धि दर उत्तरांचल में उच्चतम 27.9 प्रतिशत थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ (26.2 प्रतिशत), दादरा और नगर हवेली (26.1 प्रतिशत), त्रिपुर्रा (22.5 प्रतिशत), चंडीगढ (21.7 प्रतिशत) और गुजरात (21.3 प्रतिशत) का क्रम आता है। यह ध्यान देने योग्य बात है कि दो नये गठित राज्य अर्थात् उत्तरांचल और छत्तीसगढ़ ने जमाराशियों की वृद्धि दरों के संबंध में पहला और दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया है। बैंक ऋण की वार्षिक (बिंदु-दर-बिंदु) वृद्धि दर दादरा और नगर हवेली में उच्चतम (49.8 प्रतिशत) तथा उसके बाद चंडीगढ़ में (38.3 प्रतिशत) रही, मिज़ोरम में (29.5 प्रतिशत), सिक्किम में (28.4 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (27.6 प्रतिशत), दिल्ली (24.1 प्रतिशत) का क्रम आता है। छह राज्यों, अर्थात् महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और गुजरात ने मिलकर कुल जमाराशियों के 58.0 प्रतिशत का कुल हिस्सा बनाया । उसी प्रकार , छह राज्यों अर्थात् महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल ने मिलकर सकल बैंक ऋण के 70.1 प्रतिशत का कुल हिस्सा बनाया। अकेले महाराष्ट्र ने अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियों के 17.9 प्रतिशत का हिस्सा और कुल ऋणों में 26.2 प्रतिशत का हिस्सा बनाया।
समस्त अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए ऋण-जमा अनुपात सितंबर 2001 के अंतिम शुक्रवार तक 56.1 प्रतिशत निकला है। यह अनुपात विदेशी बैंकों (83.6 प्रतिशत), भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों (65.3 प्रतिशत) और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (53.7 प्रतिशत) राष्ट्रीयकृत बैंकों (50.8 प्रतिशत) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (41.4 प्रतिशत) के लिए सापेक्षत: कम था। जनसंख्या समूह-वार, महानगरीय केंद्रों में ऋण जमा अनुपात 80.9 प्रतिशत पर उच्चतम रहा जिसके बाद शहरी केंद्रों (41.0 प्रतिशत) और ग्रामीण केंद्रों (40.1 प्रतिशत) तथा अर्ध-शहरी केंद्रों (32.4 प्रतिशत) का क्रम आता है। यह प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर Quarterly Publications के अंतर्गत उपलब्ध है।
अजीत प्रसाद
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी :2001-2002/833