बनारस स्टेट बैंक लिमिटेड का बैंक ऑफ बडॉैदा के साथ समामेलन - आरबीआई - Reserve Bank of India
बनारस स्टेट बैंक लिमिटेड का बैंक ऑफ बडॉैदा के साथ समामेलन
बनारस स्टेट बैंक लिमिटेड का बैंक ऑफ बडॉैदा के साथ समामेलन
20 जून 2002
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 45 की उप धारा (1) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक के आवेदन पर केंद्र सरकार ने दि बनारस स्टेट बैंक लिमिटेड के संबंध में उक्त धारा की उप धारा (2) के अंतर्गत 22 जनवरी 2002 को कारोबार बंद होने के समय से 21 जुलाई 2002 (सम्मिलित) तक के लिए स्थगन आदेश जारी किया था। स्थगन की अवधि के दौरान, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त अधिनियम की उप धारा (4) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दि बनारस स्टेट बैंक लिमिटेड के बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ समामेलन की एक प्रारूप योजना तैयार की थी।
समामेलन की उक्त योजना को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 45 की उप धारा (7) के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 19 जून 2002 की अधिसूचना एफ सं. 15/2/ 2000-बी ओ ए (i) और एफ सं. 15/2/2000-बी ओ ए (ii) द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। समामेलन की यह योजना 20 जून 2002 से प्रभावी होगी। उक्त अधिसूचना के अनुसार, मौज़ूदा जमाकर्ताओं को समामेलन की योजना के अनुसार, 19 जुलाई 2002 से बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा आस्तियों का मूल्यांकन पूरा होने तक, जिसके लिए एक महीने का अवधि दिया गया है, भुगतान किया जायेगा। आगे यह सूचित किया जाता है कि समामेलन योजना के प्रावधानों के अनुसार, देयताओं का भुगतान निम्नानुसार किया जाएगा :
- सभी स्टाफ सुरक्षा जमाराशियों का प्रोद्भूत ब्याज के साथ पूर्ण रूप से भुगतान किया जाएगा;
- जमाराशियां छोड़कर निर्धारित तारीख तक की अन्य सभी बाहरी देयताओं का पूर्ण रूप से भुगतान किया जाएगा या उनका पूर्णत: प्रावधान किया जाएगा;
- एक लाख रुपये तक की जमाराशियों का बैंक ऑफ बड़ौदा/निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम द्वारा पूर्णत: भुगतान किया जाएगा, और
- एक लाख रुपये से ऊपर की शेष जमाराशियों की, बनारस स्टेट बैंक लिमिटेड के आस्तियों के मूल्यांकन के आधार पर, अनुपात के आधार पर अदायगी की जाएगी।
समामेलन की योजना के अनुसार बनारस स्टेट बैंक लिमिटेड की शाखाएं उक्त तारीख से बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के रूप में कार्य करेंगी।
अजीत प्रसाद
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2001-2002/1401