वर्ष 2005 से पहले जारी किए गए बैंक नोट वापस लेनाः भारतीय रिज़र्व बैंक का स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
वर्ष 2005 से पहले जारी किए गए बैंक नोट वापस लेनाः भारतीय रिज़र्व बैंक का स्पष्टीकरण
24 जनवरी 2014 वर्ष 2005 से पहले जारी किए गए बैंक नोट वापस लेनाः भारतीय रिज़र्व बैंक का स्पष्टीकरण उपर्युक्त विषय पर 22 जनवरी 2014 की हमारी प्रेस प्रकाशनी और पूछे गए प्रश्नों के जवाब में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2005 से पहले मुद्रित बैंक नोट वापस लेने के उसके कदम के पीछे मूल कारण बाजार से इन बैंकनोटों को निकालना है, क्योंकि इन नोटों की सुरक्षा विशेषताएं वर्ष 2005 के बाद मुद्रित किए गए नोटों की तुलना में कम हैं। पुरानी श्रृंखला के नोटों को वापस लेना एक मानक अंतर्राष्ट्रीय परिपाटी है। भारतीय रिज़र्व बैंक पहले से ही बैंकों के माध्यम से इन बैंक नोटों को सामान्य तरीके से बाजार से वापस ले रहा है। रिज़र्व बैंक की दृष्टि में वर्ष 2005 से पहले मुद्रित किए गए बैंकनोट जो अभी भी प्रचलन में हैं, की वर्तमान में उतनी अधिक मात्रा नहीं है कि आम जनता पर अधिक प्रभाव पड़े। तथापि, यह सूचित किया जाता है कि आम लोग अपनी सुविधानुसार बैंक शाखाओं में नोट बदलवाने की प्रक्रिया शुरू करें। इसके अतिरिक्त 1 जुलाई 2014 के बाद भी आम लोग उन बैंक शाखाओं से अपने कितने भी पुरानी श्रृंखला के नोट बदलवा सकते हैं जिनमें उनके खाते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने आश्वासन दिया है कि वह पुरानी श्रृंखला के नोट वापस लेने की प्रक्रिया की निगरानी और समीक्षा करना जारी रखेगा जिससे कि जनता को किसी भी तरह से असुविधा न हो। उपर्युक्त पर ध्यान दिए बिना भारतीय रिज़र्व बैंक ने बार-बार कहा है कि वर्ष 2005 से पहले मुद्रित किए गए नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1491 |