चलनिधि मानकों पर बासल III रूपरेखा - आरबीआई - Reserve Bank of India
चलनिधि मानकों पर बासल III रूपरेखा
9 जून 2014 चलनिधि मानकों पर बासल III रूपरेखा 1 अप्रैल 2014 को घोषित पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 में किए गए प्रस्ताव के अनुसरण में भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन और एलसीआर प्रकटीकरण मानकों पर दिशानिर्देश जारी किए। भारतीय रिज़र्व बैंक ने टिप्पणियों और प्रतिसूचना (फिडबैक) के लिए चलनिधि जोखिम प्रबंधन और चलनिधि मानकों पर बासल III रूपरेखा पर प्रारूप दिशानिर्देश फरवरी 2012 में अपनी वेबसाइट पर डाले थे। एलसीआर 1 जनवरी 2015 से बैंकों पर लागू होगा; बैंकों को संक्रमण समयावधि देने की दृष्टि से एलसीआर अपेक्षा कैलेंडर वर्ष 2015 के लिए अर्थात 1 जनवरी 2015 से न्यूनतम 60% रहेगी और 1 जनवरी 2019 को 100% तक पहुंचने के लिए निम्नलिखित समय-सारणी के अनुसार समान स्तर से बढ़ेगी :
बासल III चलनिधि अनुपात के लिए बैंकों तैयारी के आकलन हेतु रिज़र्व बैंक द्वारा दिसंबर 2013 को बैंकों के नमूने के तौर कराया गया परिणामात्मक प्रभाव अध्ययन (क्यूआईएस) दर्शाता है कि इन बैंकों के औसत एलसीआर 54% से 507% तक भिन्न-भिन्न है। पृष्ठभूमि यह स्मरण होगा कि बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासल समिति (बीसीबीएस) द्वारा क्रमश: सितंबर 2008 और दिसंबर 2010 में प्रकाशित ‘सक्षम चलनिधि जोखिम प्रबंधन और पर्यवेक्षण के सिद्धांत‘ और ‘बासल III चलनिधि जोखिम मापन, मानक और निगरानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूपरेखा’ दस्तावेजों के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने टिप्पणियों और प्रतिसूचना (फिडबैक) के लिए चलनिधि जोखिम प्रबंधन और चलनिधि मानकों पर बासल III रूपरेखा संबंधी प्रारूप दिशानिर्देश फरवरी 2012 में अपनी वेबसाइट पर जारी किए थे। प्राप्त टिप्पणियों और फिडबैक के आधार पर 7 नवंबर 2012 के परिपत्र बैंपविवि.बीपी. संख्या 56/21.04.098/2012-13 के द्वारा चलनिधि जोखिम प्रबंधन पर दिशानिर्देश जारी किए गए। उनमें यह उल्लेख किया गया था कि चूंकि बासल III चलनिधि मानक उस समय बीसीबीएस द्वारा निरीक्षण अवधि/पुनरीक्षण के अधीन थे जिसका उद्देश्य वित्तीय बाज़ार, ऋण विस्तार और आर्थिक वृद्धि के लिए मानकों में किसी अन-अभिप्रेत परिणामों का पता लगाना था, बासल III चलनिधि रूपरेखा पर अंतिम दिशानिर्देश बीसीबीएस द्वारा रूपरेखा में संशोधन करने के बाद ही जारी किए जाएंगे। बीसीबीएस ने अब जनवरी 2013 में ‘बासल III चलनिधि कवरेज अनुपात और चलनिधि जोखिम निगरानी साधन’ प्रकाशित किए हैं। इसके अतिरिक्त बीसीबीएस ने जनवरी 2014 में ‘चलनिधि कवरेज अनुपात प्रकटीकरण मानक’ प्रकाशित किए हैं। बीसीबीएस द्वारा एलसीआर दस्तावेजों में संशोधन में एचक्यूएलए और निवल नकदी बहिर्वाह की परिभाषा में संशोधन करना शामिल है। एलसीआर की परिभाषा के बदलावों में एचक्यूएलए के रूप में पात्र आस्तियों के दायरे में वृद्धि और तनाव के समय में वास्तविक अनुभव को बेहतर रूप से दर्शाने के लिए अनुमानित अंतर्वाह और बहिर्वाह दरों में कुछ सुधार शामिल हैं। एस.के. गांवकर प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2387 |