भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर मूल सांख्यिकीय विवरणी - मार्च 2021 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर मूल सांख्यिकीय विवरणी - मार्च 2021
8 अक्टूबर 2021 भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर मूल सांख्यिकीय भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस पोर्टल (डीबीआईई) (वेबलिंक https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!19) पर ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर मूल सांख्यिकीय विवरणी – मार्च 2021’1 नामक वेब प्रकाशनी जारी किया। प्रकाशनी में वार्षिक मूल सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर)-1 प्रणाली के तहत एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) द्वारा प्रस्तुत डाटा के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं से संबंधित जानकारी दी गई है, जो उधारकर्ता के खाते का प्रकार, संगठन, पेशा/ गतिविधि और श्रेणी, ऋण उपयोग करने वाले स्थान का जिला और जनसंख्या समूह, ब्याज दर, ऋण सीमा तथा बकाया राशि से संबंधित जानकारी संग्रहित करता है।2 प्रमुख निष्कर्ष:
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1013 1 मार्च 2020 के लिए एससीबी (आरआरबी सहित) द्वारा ऋण पर पिछली वार्षिक बीएसआर -1 श्रृंखला के परिणाम 4 नवंबर, 2020 को आरबीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए थे; एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अलावा) के लिए तिमाही बीएसआर-1 के कुल योग दिसंबर 2014 से नियमित रूप से जारी किए जा रहे हैं। 2 मार्च 2021 के अंतिम शुक्रवार के पखवाड़े संबंधी फॉर्म- ए विवरणी (रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत संग्रहित) पर आधारित बैंकिंग संकलित राशियाँ पहले ही हमारे वेबसाइट (Path: होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक>भारत में अनुसूचित बैंकों की स्थिति का विवरण) पर प्रकाशित की गयी थी और 31 मार्च 2021 के लिए जमाराशियों तथा एससीबी के लिए ऋण संबंधी अलग-अलग सांख्यिकी भी पहले ही प्रकाशित (Path: होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>त्रैमासिक>एससीबी के जमा और ऋण पर त्रैमासिक सांख्यिकी) की गयी थी। 3 घरेलू क्षेत्र में अन्य के साथ-साथ वैयक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), मालिकाना संस्थान और साझेदारी फर्म शामिल हैं। |