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भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की मूल सांख्यिकीय विवरणियां - खंड 46, मार्च 2017

23 मार्च 2018

भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की मूल सांख्यिकीय विवरणियां -
खंड 46, मार्च 2017

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने वेब प्रकाशन भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण-खंड 46 जारी किया जो बैंक की जमाराशियों और क्रेडिट की विभिन्न विशेषताओं पर सूचना प्रदान करता है। यह वार्षिक आधार पर मूल सांख्यिकीय विवरणियों (बीएसआर) 1 और 2 के माध्यम से एकत्र किए गए शाखा स्तरीय आंकड़ों पर आधारित है1। बीएसआर-1 खाते के प्रकार, संगठन, उधारकर्ता के व्यवसाय/गतिविधि और श्रेणी, क्रेडिट के उपयोग के स्थान के जिला और जनसंख्या समूह, ब्याज दर, क्रेडिट सीमा और बकाया राशि पर सूचना एकत्र करता है। बैंक जमाराशियों के प्रकार, मीयादी जमाराशियों की परिपक्वता पैटर्न और कर्मचारियों की संख्या पर शाखा-वार आंकड़ों की रिपोर्ट बीएसआर-2 के अंतर्गत करते हैं। बैंक सुविधा वाले केंद्रों के जनसंख्या समूहों (ग्रामीण/अर्ध-शहरी/शहरी/महानगरीय) को वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार वर्गीकृत किया गया है।

मुख्य निष्कर्ष:

  • वर्ष 2016-17 के दौरान जमाराशियों में वृद्धि क्रेडिट वृद्धि की तुलना में काफी अधिक रही, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या समूहों में क्रेडिट जमा (सी-डी) अनुपात पिछले वर्ष के 78.4 प्रतिशत से काफी घटकर मार्च 2017 में 73.8 प्रतिशत हो गया।.

  • निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र की क्रेडिट मांग में नरमी आई जबकि अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा लिए गए उधार, विशेषकर वैयक्तिक ऋण (आवास सहित) की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई।

  • विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) के विमुद्रीकरण से बैंकों की बचत जमाराशियां चालू जमाराशियों और मीयादी जमाराशियों की तुलना में तेज गति से बढ़ी, मीयादी जमाराशियों के मामले में छमाही से एकवर्ष की परिपक्वता वाली जमाराशियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

  • कम-लागत वाली बचत जमाराशियों को अधिक जुटाने और जमा ब्याज दरों के मीयादी संरचना को कम करने के कारम बैंकों की निधि लागत वर्ष के दौरान कम हो गई – लगभग 60 प्रतिशत मीयादी जमाराशियां 6.8 प्रतिशत के ब्याज दर दायरे में थी जबकि पिछले वर्ष ये 32.7 प्रतिशत थी।

  • व्यक्तियों को प्रदान किए गए क्रेडिट में महिलाओं की हिस्सेदारी वर्ष 2001 में 8.8 प्रतिशत से बढ़कर 2017 में 19.3 प्रतिशत हो गई और व्यक्तियों के ऋण खातों की संख्या भी 9.6 प्रतिशत से बढ़कर 25.7 प्रतिशत हो गई, व्यक्तियों की बैंक जमाराशियों में उनकी हिस्सेदारी 2001 के 22.0 प्रतिशत से बढ़कर 2017 में 32.0 प्रतिशत हो गई। व्यक्तियों के बैंक खातों की संख्या में उनकी हिस्सेदारी 25.9 प्रतिशत से बढ़कर 33.8 प्रतिशत हो गई।

ये आंकड़े https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!9 पर प्राप्त किए जा सकते हैं।

जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2532


1 बीएसआर-1 आंकड़े अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर) से दिसंबर 2014 से तिमाही आधार पर एकत्र किए जा रहे हैं और वेबसाइट पर अलग से जारी किए जा रहे हैं।

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