"विकास, एकरूपता और स्थिरता" के लिए वित्तीय क्षेत्र विनियमन" पर उन्न्त वित्तीय अनुसंधान और अध्ययन केंद्र - अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक का सम्मेलन - आरबीआई - Reserve Bank of India
"विकास, एकरूपता और स्थिरता" के लिए वित्तीय क्षेत्र विनियमन" पर उन्न्त वित्तीय अनुसंधान और अध्ययन केंद्र - अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक का सम्मेलन
12 जनवरी 2012 ''विकास, एकरूपता और स्थिरता'' के लिए वित्तीय क्षेत्र विनियमन'' पर उन्नत वित्तीय अनुसंधान और अध्ययन केंद्र (सीएएफआरएएल) और अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआइएस) ने आज व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए ''विकास, एकरूपता और स्थिरता'' पर सीएएफआरएल-बीआइएस सम्मेलन में चर्चा के लिए व्याख्यानों, पेपरों और उद्धरणों को जारी किया। यह सम्मेलन मुंबई में 15 और 16 नवंबर 2011 को आयोजित किया गया था। चर्चा के लिए व्याख्यान, पेपर और उद्धरण www.cafral.org.in और www.bis.org पर उपलब्ध है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उन्नत वित्तीय अनुसंधान और अध्ययन केंद्र (सीएएफआरएएल) की स्थापना की है। वैश्विक वित्तीय संकट ने वित्तीय प्रणाली और वास्तविक अर्थव्यवस्था के बीच जटील संबंधों को बेहतर रूप से समझने की आवश्यकता को प्रदर्शित किया है। जबकि स्थिरता, विनियामक परिवर्तनों के लिए प्रमुख केंद्र बिंदु बन गया है, विकास और एकरूपता का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। इन मामलों पर विचार करने और एक उभरता बाज़ार परिप्रेक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए सीएएफआरएएल ने अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक की सहायता से ''संकट पश्चात् विश्व में विकास, एकरूपता और स्थिरता के लिए वित्तीय विनियमन और उसका प्रभाव'' पर केंद्रीय बैंकों और नियंत्रकों का एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में रिज़र्व बैंक के गवर्नर डॉ. डी.सुब्बाराव और बीआइएस के महाप्रबंधक मि. जयमी करूएना के साथ-साथ विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों और 21 केंद्रीय बैंकों/नियंत्रकों के 26 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सीएएफआरएएल के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग और वित्त विषयों पर अनुसंधान और अध्ययन करने के लिए एक विश्व केंद्र के रूप में और बैंकों, नियंत्रकों, नीतिकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच चर्चा के लिए एक मंच उपलब्ध कराने के लिए उन्नत वित्तीय अनुसंधान और अध्ययन केंद्र (सीएएफआरएएल) की स्थापना की है। इस संस्था की शुरूआत जनवरी 2011 को हुई और इसकी प्रथम निदेशक श्रीमती उषा थोरात है। वे भारतीय रिज़र्व बैंक में 38 वर्ष पूरे करने के बाद नवंबर 2010 में सेवानिवृत्त हुई। श्रीमती थोरात के पास वित्तीय बाजारों और बैंकिंग विनियमन/पर्यवेक्षण विषयों पर विशिष्टता सहित व्यापक अनुभव है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1122 |