बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) के अंतर्गत लाइसेंस को रद्द करना तथा शहरी सहकारी बैंक का को-ऑपरेटिव सोसायटी में रूपांतरण – दी सोजित्रा को-ओपरेटिव बैंक लि., आणंद (गुजरात) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) के अंतर्गत लाइसेंस को रद्द करना तथा शहरी सहकारी बैंक का को-ऑपरेटिव सोसायटी में रूपांतरण – दी सोजित्रा को-ओपरेटिव बैंक लि., आणंद (गुजरात)
15 फरवरी 2017 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) के अंतर्गत जनसाधारण की सूचना के लिए एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 जनवरी 2017 के आदेश द्वारा दी सोजित्रा को-ओपरेटिव बैंक लि., आणंद (गुजरात) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। असंतोषजनक वित्तीय और अनुपालन रिकॉर्ड को देखते हुए बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सामितियों पर यथालागू) के दायरे से बाहर जाने के लिए और एक सहकारी समिति में परिवर्तित होने की सलाह दी थी । बैंक ने दी सोजित्रा को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के रूप में परिवर्तित होने के लिए उक्त अधिनियम की धारा 36(ए)(2) में बताई गई सभी शर्तों को पूरा किया है। तदनुसार उक्त बैंक का बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित अधिनियम की धारा 5 (सीसीआई) में परिभाषित किए गए अनुसार “सहकारी बैंक” के रूप में कार्य करना बंद हो गया है तथा इस अधिनियम के उक्त सहकारी बैंक पर लागू होनेवाले सभी प्रावधान अब उस पर लागू नहीं होंगे। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 22 के अंतर्गत भारत में बैंकिंग का कारोबार करने के लिए बैंक को प्रतिबंधित किया गया है। इसलिए, बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(बी) में परिभाषित किए गए अनुसार “बैंकिंग” का कारोबार, जिसमें जमाराशियो की स्वीकृति/ चुकौती शामिल है, करने के लिए मना किया गया है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2197 |