स्वच्छ नोट नीति - रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर दक्षिणीक्षेत्र के बैंकरों से मिले - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वच्छ नोट नीति - रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर दक्षिणीक्षेत्र के बैंकरों से मिले
स्वच्छ नोट नीति - रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर दक्षिणी
क्षेत्र के बैंकरों से मिले
23 मई 2003
श्री वेपा कामेसम, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज दक्षिणी क्षेत्र, जिसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, आंघ्र प्रदेश तथा केरल राज्य आते हैं, में बैंकों के अध्यक्षों एवं प्रबंध निदेशकों तथा तमिलनाडु और पाँडिचेरी के निर्गम सर्कल में अन्य बैंकों के नियंत्रक अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की। बैठक चेन्नै में आयोजित की गयी थी।
नोटों की स्टैप्लिंग हटाने और नोटों को गंदे और फिर से जारी किये जाने योग्य नोटों के बीच अलग-अलग करने तथा स्टेपल हटाये गये नोटों को प्रोसेसिंग, सत्यापन और अंत में नष्ट करने के लिये रिज़र्व में भेजने के लिए बैंकों के लक्ष्यों और समय सीमा (डेडलाइन) की तुलना में उनकी उपलब्धियों पर बैंकों के साथ विस्तार से चर्चा की गयी। इस बात को देख कर प्रसन्नता व्यक्त की गयी कि स्वच्छ नोट नीति के संबंध में किये जा रहे प्रयास बैंकों में सबसे नीचे के स्तर तक पहुंच रहे हैं और वाणिज्य बैंकों से मिल रहे निर्बध सहयोग से इस दिशा में काफी कुछ हासिल किया जा चुका है। कुछेक क्षेत्रों और करेंसी चेस्टों में गंदे नोटों के जमाव से निपटने के लिए नये उपाय किये जा रहे हैं और डेडलाइन तय की जा रही हैं, ताकि स्वच्छ नोट नीति रोज़ मर्रा की ज़िंदगी की एक सच्चाई बन जाये।
इस संबंध में मुद्रा प्रबंध के लिए टैक्नॉलाजी के इस्तेमाल की गति बढ़ाने पर भी जोर दिया गया और बैंकों से आग्रह किया गया कि वे बड़े पैमाने पर सार्टर, प्रोसेसिंग और वेरिफिकेशन इकाइयां एवं नोट बैंडिंग और बंडलिंग मशीनें खरीदें। इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि रिज़र्व बैंक ने प्रोसेसिंग तथा सत्यापन के लिए तमिलनाडु और पांडिचेरी निर्गम क्षेत्राधिकार से 2.3 बिलियन नोट उठाये थे। इस प्रयोजन के लिए रिज़र्व बैंक के चेन्नै कार्यालय में तीन करेंसी वेरिफिकेशन एण्ड प्रोसेसिंग (टीवीपीएस) सिस्टम मशीनें खरीदी गयी हैं और ये काम कर रही हैं। इसी तरह से, दूसरे निर्गम कार्यालय भी इसी तरह की मशीनें काम में ला रहे हैं।
चर्चा के दौरान ही, उप गवर्नर महोदय ने इस बात पर जोर देते हुए रेखांकित किया कि "रिज़र्व बैंक राष्ट्र की सेवा में प्रस्तुत है और यह हमारा काम है कि हम बैंकों को सहयोग से यह देखें कि काफी मात्रा में अच्छी क्वालिटी के नोट और सिक्के न केवल दक्षिणी क्षेत्र में बल्कि देश के कोने कोने में उपलब्ध हों।" बैंकों से आग्रह किया गया कि वे इसे एक मिशन के रूप में ले कर चलें और जनता को विनिमय सुविधा न केवल अपने काउंटरों पर उपलब्ध करायें बल्कि इन सुविधाओं को बाज़ार तक ले कर जायें ताकि नोटों को बदला और चलन से बाहर किया जा सके और सिक्कों का वितरण किया जा सके।
सूरज प्रकाश
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2002-2003/1193